रबी, खरीफ या हो जायद की फसल. फसल कटाई के बाद ज्यादातर फसल अवशेष खेतों में खड़े रह जाते हैं जिन का निबटान करना अगली फसल बोने से पहले करना जरूरी है, खासकर रबी के समय में. गेहूं व खरीफ के समय धान फसल के अवशेष भारी मात्रा में खेतों में खड़े रह जाते हैं, जिन्हें बहुत से किसान आज भी खेतों में ही जला देते हैं, जो पर्यावरण के साथसाथ खेत की उपजाऊ मिट्टी को भी खराब करते हैं. इसलिए जरूरी है कि उन फसल अवशेषों का सही इस्तेमाल किया जाए. अगर हम पशु चारा के रूप में भूसा बना कर रखना चाहें तो ये काम कर सकते हैं, अन्यथा कृषि यंत्रों द्वारा उस का चूरा बना कर खेत में ही खाद बनाई जा सकती है, जिस से खेती की पैदावार भी बढ़ेगी और पर्यावरण भी अच्छा रहेगा.

इस काम के लिए मल्चर एक कृषि यंत्र  है जो देखने में रोटावेटर जैसा लगता है. फसल कटाई के बाद मल्चर मशीन पुआल व डंठलों को काट कर उस का चूरा बनाने का काम करती है. इस यंत्र से बागबगीचों, घासफूस और झाडि़यों को काटने का काम भी किया जा सकता है. इस उपकरण की सब से बड़ी खासीयत यह है कि यह उपकरण मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद करता है. साथ ही, अगली फसल की बोआई में पानी व खाद भी कम लगता है.

मल्चर खासकर फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए बनाया गया है, जिसे 45 से अधिक एचपी के ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है. यह यंत्र फसल अवशेष की कटाई के साथ ही उस का चूरा बनाता है, साथ ही उस

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