आज से 4-5 दशक पहले की बात करें, तो उन दिनों खेती के कामों में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित था. कुछ गिनेचुने कृषि यंत्र ही मुहैया होते थे. वे यंत्र भी कुछ ही बड़े किसानों के पास होते थे. कम जोत वाले किसान ज्यादातर पारंपरिक तरीकों को ही अपनाते थे. लेकिन अब आधुनिक दौर में ऐसा नहीं है. खेत तैयार करने से ले कर फसल से पैदावार लेने तक तमाम तरह के कृषि यंत्र मौजूद हैं, जिन्हें छोटेबड़े किसान अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं.

सभी किसान कृषि यंत्र खरीद भी नहीं सकते, तो आज  किराए पर भी कृषि यंत्र मिल जाते हैं. अनेक सरकारी योजनाएं भी हैं, जिन का फायदा किसान ले सकते हैं.

एक ऐसे ही यंत्र की जानकारी देने जा रहे हैं, जो तैयार फसल से अनाज अलग करने का यंत्र है, जिसे हम थ्रैशर कहते हैं. सामान्य थ्रैशर से कुछ चुनिंदा फसलों की गहाई की जा सकती है, तो मल्टीक्रौप थ्रैशर से कई प्रकार की फसलों की गहाई की जा सकती है.

आज बाजार में कई प्रकार के मल्टीक्रौप थ्रैशर मौजूद हैं, जिन के पुरजों में हलका सा बदलाव कर के या चलाते समय उन को इस्तेमाल करने की तकनीक को थोड़ा हेरफेर कर के कई तरह की फसलों जैसे, मक्का, सोयाबीन, ज्वार, बाजरा, सरसों, मूंग, चना, उड़द, अरहर वगैरह की गहाई आसानी से कर सकते हैं.

थ्रैशर मशीन का सही चयन करना भी जरूरी है. आज तमाम कंपनियां थ्रैशर बना रही हैं. कुछ कृषि यंत्र निर्माता किसी खास फसल के लिए ही थ्रैशर बनाते हैं. जैसे, प्रकाश मक्का थ्रैशर, जिसे खासतौर पर मक्के की गहाई के लिए बनाया गया है.

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