यह एक बड़ा व महंगा बहुपयोगी व उन्नत कृषि उपकरण है, जो खड़ी फसलों जैसे गेहूं, धान, चना, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी व मूंग की कटाई, कुटाई (दौनी) व दानों की सफाई में काम आता है. इस मशीन का उपयोग करने से एक ओर जहां श्रम लागत घटती है, वहीं समय की भी बचत होती है. इस मशीन के उपयोग से किसान खेती के कामों को आसानी से कर के अपना मुनाफा बढ़ा सकता है.

यह मशीन 2 प्रकार की होती है. एक आटोमैटिक कंबाइन हार्वेस्टर और दूसरी ट्रैक्टर से चलने वाला कंबाइन हार्वेस्टर मशीन.

आटोमैटिक कंबाइन हार्वेस्टर में सभी काम के लिए पूरी मशीनरी फिट रहती है, जो  इंजन व अन्य भागों को चलाती है. इस के चलते फसल की कटाई, व दानों की सफाई का काम आसानी से होता है. वहीं ट्रैक्टर चालित कंबाइन हार्वेस्टर को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है. यह मशीन ट्रैक्टर के पीटीओ से चलती है. ट्रैक्टर से कंबाइन को चला कर फसल की कटाई की जाती है. यह मशीन फसल को ज्यादा ऊपर से काटती है. फसल काटने के बाद जो फसल अवशेष खेत में खड़ा रह जाता है, बाद में इस के तूड़े से भूसा बनाया जा सकता है या उसे खेत में ही जोत कर खाद बनाई जा सकती है. लेकिन खाद केवल धान जैसी अवशेष से ही बन सकती है, क्योंकि धन की पराली कुछ नरम होती है जिस के गल कर खाद बनने में कम समय लगता है, जबकि अन्य फसलों के साथ ऐसा नहीं है.

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन के उपयोग से किसान प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं और समय रहते फसलों की कटाई कर सकते हैं. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से किसान खेत में आड़ीतिरछी पड़ी फसल को भी काट सकते हैं. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का उपयोग करने से मजदूरों की समस्या दूर होती है, साथ ही कम समय में ज्यादा काम किया जा सकता है.

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