भोपाल : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 जून, 2025 को आईसीएआर केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल का दौरा किया.
जहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कृषि के विकास में संस्थान के योगदान की सराहना की और किसान हितैषी प्रौद्योगिकियों के तीव्र विकास और विकसित प्रौद्योगिकियों को किसानों, विशेषकर छोटे किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
उन्होंने कृषि में छोटे इंजन द्वारा संचालित या वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से संचालित मशीनरी विकसित करने और सैंसर आधारित प्रणालियों के अलावा अन्य प्रणालियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि सभी वर्गों के किसानों का विकास हो सके.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के विभिन्न स्थानों पर किसान मेले आयोजित करने और सभी हितधारकों के साथ विचारविमर्श सत्र आयोजित करने की इच्छा जाहिर की, ताकि आने वाले समय में देश में मशीनीकरण की रूपरेखा तैयार की जा सके. इस के अलावा उन्होंने खाद्य सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य और प्रयोगशाला से भूमि तक प्रौद्योगिकियों के प्रभावी हस्तांतरण के महत्व पर भी जोर दिया.
इस कार्यक्रम में सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं आईसीएआर के महानिदेशक डा.एमएल जाट, उप महानिदेशक (इंजीनियरिंग) डा. एसएन झा, उप महानिदेशक (विस्तार) डा. एके नायक, आईसीएआर-सीआईएई के निदेशक डा. सीआर मेहता और आईसीएआर-आईआईएसएस, भोपाल के निदेशक डा. एम मोहंती उपस्थित थे.
आईसीएआर-सीआईएई द्वारा विकसित ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर
ऊंची क्यारियों का निर्माण, ड्रिप लेटरल, प्लास्टिक मल्च बिछाना और मल्च के नीचे बीज बोने का कार्य मैन्युअल रूप से करना कठिन, अधिक समय और ज्यादा मेहनत का काम होता है, जिस में तकरीबन 29 दिन प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है. इन सभी कार्यों को एक साथ करने के लिए ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर विकसित किया गया है.
इस यंत्र में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग कर के हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) और चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म संचालित किया जाता है, वहीं बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटर ब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है.
एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म ड्राइविंग डिस्क की घूमने वाली गति को कनेक्टिंग रौड के माध्यम से स्लाइडर क्रैंक में ऊर्ध्वाधर गति में बदल देता है और पंच प्लांटिंग मैकेनिज्म के “D” प्रोफाइल को मिट्टी में खोलता है.
प्न्यूमैटिक बीज मापने वाली प्लेट और एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म को इस प्रकार समकालिक किया गया है कि मापने वाली प्लेट द्वारा उठाया गया बीज बंद “प्लांटिंग जॉ” में डाला जाता है, जो बीज को पकड़े रखता है और स्लाइडर क्रैंक के माध्यम से प्लास्टिक मल्च में प्रवेश करने के बाद उसे छोड़ता है.
इस यंत्र की प्रभावी कार्य क्षमता 0.2 हेक्टेयर प्रति घंटा और कार्य कुशलता 74 फीसदी है, जो 1.7 किलोमीटर प्रति घंटा की गति और 1 मीटर कार्य चौड़ाई पर आधारित है. इस यंत्र की कुल लागत 3 लाख रुपए और संचालन लागत 1500 रुपए प्रति घंटा है. इस का पेबैक पीरियड 1.9 साल (444 घंटे) और ब्रेक-ईवन पौइंट 70 घंटे हर साल है.
इस यंत्र में कतार से कतार की दूरी 0.5 से 0.9 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 0.2 से 0.6 मीटर को यांत्रिक रूप से समायोजित करने की सुविधा है. यह यंत्र मौजूदा ड्रिप लेटरल-कम-प्लास्टिक मल्च लेयर मशीन की तुलना में 26 दिन प्रति हेक्टेयर (89 फीसदी) और 6600 प्रति हेक्टेयर (43 फीसदी) लागत की बचत करता है.
यह यंत्र प्लास्टिक मल्च में उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे खरबूजा, ककड़ी, स्वीट कौर्न, बेबी कौर्न, हरी मटर, भिंडी, फलियां आदि लगाने के लिए सब से बेहतर है.