अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजनाए, भाकृअप, कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वावधान में कृषि क्रियाओं में श्रमसाध्य विकल्पों के लिए क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण 17 मई और 18 मई को गोमाना गांव, ब्लौक छोटी सादडी, जिला प्रतापगढ़, राजस्थान में संपन्न हुआ. गोमाना व मालवदा गांव की कुल 30 महिलाओं को कृषि व घरेलू कार्यों में श्रमसाध्य उपकरणों का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण के पहले दिन डा. हेमू राठौड़ ने समय व श्रम से बचने वाले वीमेन फ्रेंडली उपकरणों के बारे में बताया और उन के प्रयोग की जानकारी दी, जिस में दूध दोहने की बालटी व चौकी, सब्जी काटने का यंत्र, बहुपयोगी झोला, मक्की छीलक यंत्र, पौध रोपाई यंत्र, आराम सीट आदि कृषि यंत्र शामिल थे.

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कृषि यंत्रों का प्रयोग करने के फायदे और काम में लेने के तरीके पर भी विस्तृत जानकारी दी गई.

कार्यक्रम के दूसरे दिन महिलाओं को मूंगफली छीलक यंत्र, अफीम के फल में चीरा डालने का यंत्र व अन्य यंत्रों के प्रयोग के बारे में भी बताया गया.

प्रशिक्षण में विभिन्न कृषि गतिविधियों, उपयोग की जाने वाली विभिन्न मुद्राओं और स्वास्थ्य पर इस के प्रभाव पर भी ध्यान केंद्रित किया गया.

प्रशिक्षण में महिलाओं के समूह को मानवीय तरीके से खेतों पर काम करने और मशीनों के संचालन के दौरान स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में बताया गया.

प्रशिक्षुओं को मूंगफली का डेकार्टिकेटर (छीलक यंत्र) पसंद आया. आधे घंटे में ललिता देवी और अन्य महिलाओं ने 35 किलोग्राम मूंगफली को छील लिया.

कार्यक्रम के दौरान डा. हेमू राठौड़ ने स्वच्छ जल की उपयोगिता एवं जल को पीने योग्य बनाने के लिए अलगअलग तरीकों के बारे में जानकारी दी.

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