हर साल थ्रेशर पर काम करते समय कई दुर्घटनाएं हो जाती हैं. ये दुर्घटनाएं जानकारी की कमी के चलते या असुरक्षित तरीके से काम करना व बिना मानक के मशीनों के इस्तेमाल से होती हैं. गंभीर रूप से दुर्घटनाएं थ्रेशर के धुरे, पंखे या पट्टों की लपेट में आने से होती हैं.

थ्रेशर पर काम करते हुए दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को जागरूक व मानकयुक्त मशीनें इस्तेमाल करने की जरूरत है. आइए जानें गहाई मशीनों पर काम करते समय किनकिन बातों का ध्यान रखें, ताकि इन से होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके:

ढीलेढाले कपड़े न पहनें : आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि किसान काम के समय ढीलेढाले कपड़े जैसे धोती, कुरता, साड़ी, लुंगी पहनते हैं, जो ऐसी दुर्घटनाओं में मददगार होती हैं. थ्रेशर में निकलने वाले अनाज व भूसा हटाने का काम खास रूप से महिलाएं व बच्चे करते हैं, जिस से महिलाओं की साड़ी व बाल पट्टों में उलझ जाते हैं और वे गंभीर दुर्घटनाओं की शिकार हो जाती हैं. औरतें साड़ी व बाल बांध कर रखें व बच्चों को इस से दूर रखें.

किसान थ्रेशर चलाते समय ध्यान रखें कि कलपुरजे, पट्टे व पुली ठीक तरह से लोहे के जालीनुमा तार से ढके हों और अगर संभव हो तो मशीन के कलपुरजे लकड़ी के फ्रेम से ढक कर रखें. अनेक कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियां भी इन बातों का ध्यान रखती हैं.

काम करते समय दस्तानों का इस्तेमाल करें

ऐसा देखा गया है कि किसान दस्तानों की जगह फटेपुराने कपड़े, गमछा या तौलिया को फसल की गहाई के समय हाथों में चुभने के लिए लपेटते हैं. ऐसा करने से गमछा या तौलिया का एक भी निकला हुआ धागा मशीन के पंखे की हवा में उड़ कर धुरे में चला गया तो उस से लिपटता हुआ हाथ को अंदर तक खींच लेता है. इस के लिए हाथों में दस्ताने पहन कर ही काम करें.

ज्यादा थकान व नींद आने की हालत में काम न करें. फसल की गहाई करते समय सोना व ज्यादा थकान के चलते ऊंघना बहुत ही गलत है. ऐसे हालात में किसान हर 2-4 घंटे में बदलबदल कर आपस में काम करें. ज्यादा काम व थकान करने के लिए किसान नशे का सहारा लेते हैं. मशीन पर काम करते समय नशे से दूर रहें.

देखने में यह भी आता है कि जब हमारे किसान फसल को मशीन के अंदर धकेलते हैं तो उन के हाथ धुरे के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा होती है. यह घटना इतनी जल्दी घटित होती है कि जब तक हाथ खींचने के बारे में सोचा जाता है तब तक दुर्घटना घट चुकी होती है. इसलिए किसान को सलाह है कि लंबी पतराल (पतनाले) युक्त मशीन का इस्तेमाल करें, जिस में आधा भाग ऊपर से ढका भी हो.

किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि फसल को मशीन के अंदर धकेलते समय ज्यादा ताकत से उसे अंदर न धकेलें क्योंकि थ्रेशर में अंदर लगे ब्लेड फसल को तेजी से अंदर की ओर खींचते हैं.

इस प्रकार किसान अगर ऊपर बताई गई छोटीछोटी लेकिन जरूरी बातों को ध्यान में रख कर थ्रेशर पर काम करेंगे तो इन मशीनों से होने वाली दुर्घटनाओं से जरूर बच सकते हैं. जागरूकता ही इस का बचाव है. इसी तरह से अन्य कृषि यंत्रों के इस्तेमाल में भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें.

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