खरीफ के मौसम में मक्का, ज्वार, बाजरा जैसी फसलों को किसान उगाते हैं, जिन्हें अनाज के अलावा पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इस के अलावा दलहनी फसलों में अरहर, मूंग, उड़द, ज्वार आदि की भी खेती की जाती है.
इन फसलों से अच्छी उपज लेने के लिए किसान उन्नत किस्म के बीज बोने के साथ समयसमय पर फसल में खादपानी भी देते रहें. इस के बावजूद भी फसल में कुछ समय बाद अनेक तरह के खरपतवार उग आते हैं, जो खेत में बोई गई फसल की बढ़वार में रुकावट पैदा करते हैं.
खरपतवार खासकर बोआई के कुछ दिन बाद ही पनपने लगते हैं, इसलिए किसानों को चाहिए कि वे इन खरपतवारों की रोकथाम पर खासा ध्यान दें, जिस से फसल से बेहतर उपज ले सकें.
खरपतवार रोकने के लिए समयसमय पर निराईगुड़ाई करना बहुत जरूरी है. निराईगुड़ाई के लिए आज देश में अनेक तरह के कृषि यंत्र मौजूद हैं, जो इस काम को आसान बनाते हैं. हाथ से चलाने वाले यंत्रों के अलावा पावरचालित यंत्र भी हैं. अनेक छोटेबड़े कृषि यंत्र निर्माता इन्हें बना रहे हैं.
निराईगुड़ाई में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल : ध्यान रखें कि ये कृषि यंत्र लाइन में बोई गई फसलों के लिए बेहतर नतीजे देते हैं, इसलिए फसल की बोआई लाइनों में ही करनी चाहिए, जबकि बिखेर कर बोई गई फसल में ये यंत्र कारगर नहीं हैं. इस तरह से बोई फसल से पैदावार भी कम मिलती है.
पावर वीडर यंत्र
यह मध्यम आकार का यंत्र है. पावर वीडर यंत्र ऐसे किसानों के लिए काफी फायदेमंद है, जो बड़ीबड़ी मशीनें नहीं खरीद पाते हैं. छोटे साइज से ले कर बड़े साइज तक में यह यंत्र आता है. अपनी सुविधानुसार इस का इस्तेमाल किया जा सकता है.