छिंदवाड़ा : किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और आयुक्त कृषि एम. सेल्वेंद्रन द्वारा बोरलौग इंस्टीट्यूट फौर साउथ एशिया (बीसा), जबलपुर में “जलवायु परिवर्तन एवं मृदा स्वास्थ्य” विषय पर आयोजित कार्यशाला में उपस्थित हो कर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों व बीसा के कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही कृषि विभाग के उपसंचालक कृषि एवं परियोजना संचालक आत्मा के साथ चर्चा कर रणनीति तैयार की गई. साथ ही, बीसा संस्थान द्वारा किए जा रहे फसल अवशेष प्रबंधन कर जीरो टिलेज तकनीक के प्रदर्शन का भी अवलोकन किया गया.

अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी नवीन उन्नत तकनीक को सरल भाषा में किसानों तक पहुंचाएं और उन को समझाएं.

कृषि आयुक्त एम. सेल्वेंद्रन ने कहा कि प्रत्येक जिले से किसानों को एक्सपोजर विजिट करा कर उन्नत तकनीक दिखाएं और 2-2 क्लाइमेट स्मार्ट विलेज का चयन कर वहां इस नवीन तकनीक को किसानों तक पहुंचाएं.

बीसा के एमडी डा. अरुण जोशी व प्रमुख वैज्ञानिक डा. रवि गोपाल ने चर्चा के दौरान किसानों से जीरो टिलेज तकनीक से फसल अवशेष प्रबंधन कर के मिट्टी की सेहत को सुधारने और फसल विविधीकरण अपना कर टिकाऊ खेती अपनाने पर ज़ोर दिया.

इस अवसर पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विभाग के प्रमुख डा. हितेंद्र राय, संचालक विस्तार सेवाएं डा. दिनकर शर्मा, ब्रीडर प्रमुख डा. शुक्ला व संयुक्त संचालक, कृषि, जबलपुर केएस नेताम सहित छिंदवाड़ा जिले के उपसंचालक, कृषि, जितेंद्र कुमार सिंह, सहायक संचालक, कृषि, धीरज ठाकुर, सीडीओ अमरवाडा के सचिन जैन और अन्य जिलों के उपसंचालक, कृषि व परियोजना संचालक आत्मा भी उपस्थित थे.

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