नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में एफपीओ विषय पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी-2023 का उद्घाटन किया और साथ ही पीएसीएस यानी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों द्वारा 1100 नए एफपीओ के गठन की कार्ययोजना का विमोचन किया.

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा, सचिव, सहकारिता मंत्रालय, ज्ञानेश कुमार और सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, मनोज आहूजा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने का निर्णय एक अलग दृष्टिकोण से लिया.

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में सहकारिता आंदोलन बहुत पुराना है, लेकिन आजादी के 75 वर्ष के बाद जब पीछे मुड़ कर देखते हैं, तो पता चलता है कि देश में सहकारिता आंदोलन कई टुकड़ों में बंट गया था.

उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता की दृष्टि से देश को 3 वर्गों में बांट सकते हैं- ऐसे राज्य, जहां सहकारिता आंदोलन अपनेआप को आगे बढ़ाने और मजबूत करने में सफल रहा है, ऐसे कुछ राज्य, जहां सहकारिता आंदोलन अभी भी चल रहा है, और ऐसे कुछ राज्य, जहां सहकारिता आंदोलन लगभग मृतप्रायः हो गया है.

अमित शाह ने कहा कि इतने बड़े देश में, जहां लगभग 65 करोड़ लोग कृषि से जुड़े हैं, सहकारिता आंदोलन को रिवाइव करना, इसे आधुनिक बनाना, इस में पारदर्शिता लाना और नई ऊंचाइयां छूने का लक्ष्य तय करना बहुत आवश्यक हो गया है.

उन्होंने आगे कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सहकारिता ही एकमात्र ऐसा आंदोलन है, जिस के माध्यम से हर व्यक्ति को समृद्ध बनाया जा सकता है.

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