गुवाहाटी: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने पिछले दिनों गुवाहाटी में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पशु एकीकृत नमूना सर्वे (मार्च, 2022-फरवरी, 2023) पर आधारित बुनियादी पशुपालन आंकड़े 2023 (दूध, अंडा, मांस और ऊन उत्पादन 2022-23) जारी किए. बुनियादी पशुपालन आंकड़ों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

दूध, अंडा, मांस एवं ऊन उत्पादन

केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बताया कि देश में दूध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान वार्षिक एकीकृत नमूना सर्वे (आईएसएस) के परिणामों के आधार पर लगाया जाता है, जो देशभर में 3 मौसमों यानी गरमी (मार्चजून), बरसात (जुलाईअक्तूबर) और सर्दी (नवंबरफरवरी) में आयोजित किया जाता है. वर्ष 2022-23 के लिए दूध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान सामने लाया गया है और इस सर्वे के परिणामों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है.

दूध उत्पादन

केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन अनुमानित है, जिस में पिछले 5 वर्षों में 22.81 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो वर्ष 2018-19 में 187.75 मिलियन टन थी. इस के अलावा वर्ष 2021-22 के अनुमान से वर्ष 2022-23 के दौरान उत्पादन 3.83 फीसदी बढ़ गया है. पूर्व में, वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर 6.47 फीसदी, वर्ष 2019-20 में 5.69 फीसदी, वर्ष 2020-21 में 5.81 फीसदी और वर्ष 2021-22 में 5.77 फीसदी थी.

केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान सब से अधिक दुग्ध उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश था, जिस की कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 फीसदी थी. इस के बाद राजस्थान (14.44 फीसदी), मध्य प्रदेश (8.73 फीसदी), गुजरात (7.49 फीसदी) और आंध्र प्रदेश (6.70 फीसदी) का स्थान था. वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) के संदर्भ में, पिछले वर्ष की तुलना में सब से अधिक वार्षिक वृद्धि दर कर्नाटक (8.76 फीसदी) में दर्ज किया गया, इस के बाद पश्चिम बंगाल (8.65 फीसदी) और उत्तर प्रदेश (6.99 फीसदी) का स्थान रहा.

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