नई दिल्ली : 21 जुलाई 2023. केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में किसानों को और अधिक सहूलियत देते हुए सटीक उपज अनुमान एवं पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन महत्वपूर्ण पहलों - येस्टैक (प्रौद्योगिकी पर आधारित उपज अनुमान प्रणाली), विंड्स (मौसम सूचना डेटा प्रणाली) और एआईडीई (मध्यस्थ नामांकन के लिए एप) को किसानों को समर्पित किया. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू विशेष रूप से उपस्थित थे.
इस मौके पर केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय के तहत राज्यांश लंबित होने से किसानों को क्लेम मिलने में होने वाली कठिनाइयों से राहत देते हुए 8 राज्यों के लगभग 5.60 लाख लाभार्थी किसानों को अपने स्तर पर 258 करोड़ रुपए बतौर क्लेम जारी किए. इन में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा व आंध्र प्रदेश के किसान शामिल हैं.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि का जीवन व देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. कृषि के समक्ष कितनी भी अनुकूलता हो, इस के बाद भी किसान को प्रकृति पर निर्भर करना पड़ता है. अगर प्रकृति नाराज हो जाए तो किसान अपने श्रम से इस की भरपाई नहीं कर पाता है. इसलिए यह जरूरी समझा गया कि प्राकृतिक प्रकोप से होने वाले नुकसान की भरपाई की व्यवस्था होनी चाहिए, इसीलिए सरकार द्वारा फसल बीमा योजना लागू करते हुए व इसे किसान हितैषी बनाते हुए इस के जरीए किसानों के नुकसान की भरपाई की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार कृषि विकास के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए बजट में कमी नहीं आती है, लेकिन कभी राज्य सरकारों के हिस्से का प्रीमियम जमा नहीं होता है, तो ऐसे में किसानों को दिक्कत नहीं होने देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा समय पर जमा कराई जाने वाली अपनी प्रीमियम से ही किसानों को मुआवजा देने का केंद्र ने फैसला लिया है, फिर भले ही तब तक राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम जमा हो या नहीं.