Kisan Diwas : भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में 23 दिसंबर 2025 को नवोन्मेषी किसान कॉनक्लेव 2025 का उद्घाटन किया गया. यह आयोजन चौधरी चरण सिंह की जयंती के के दौरान किया गया. चौधरी चरण सिंह को किसानों की भलाई और खेती में सुधारों के लिए उनके जीवन भर के योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता है.

आत्मनिर्भर भारत :
किसान दिवस (Kisan Diwas) के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की भूमिका को राष्ट्र-निर्माण की आधारशिला बताते हुए कहा कि किसानों के त्याग, परिश्रम और समर्पण को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत अन्न, फल, सब्जी और दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है. इस प्रगति में आधुनिक कृषि पद्धतियों, ICAR द्वारा विकसित उन्नत किस्मों, वैज्ञानिक खेती और तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

इन्होने ये कहा :

Kisan Diwas

भारतीय किसान देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक-भागीरथ चौधरी

भागीरथ चौधरी, राज्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण, भारत सरकार ने इस मौके पर कहा कि “राष्ट्र तभी खुश हो सकता है जब इसके खाद्य प्रदाता खुश हों.” उन्होंने कहा कि भारतीय किसान केवल खाद्य उत्पादक ही नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक हैं, जो जलवायु परिवर्तन और जल संकट जैसी चुनौतियों के बावजूद लगातार नवाचार करते हैं. उन्होंने स्मार्ट कृषि, एआई, डिजिटल कृषि, ड्रोन और आधुनिक तकनीकों को कृषि प्रणालियों में एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत की विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा किसानों की शक्ति और आत्मनिर्भरता पर निर्भर करती है.

किसान “राष्ट्र के असली रत्न”-डॉ. एम.एल. जाट
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को “राष्ट्र के असली रत्न” के रूप में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किसान दिवस (Kisan Diwas) केवल एक प्रतीकात्मक अवसर नहीं है बल्कि यह किसानों की राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय भूमिका की याद दिलाने वाला अवसर है. उन्होंने कहा कि किसान “अभ्यास के प्रोफेसर” हैं और उनका फीडबैक आने वाले वर्षों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसंधान दिशानिर्देशों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

“इनोवेटिव और फेलो फार्मर”, एक अनूठी पहल- डॉ सी. एच. श्रीनिवास राव
डॉ सी. एच. श्रीनिवास राव, निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, ने चौधरी चरण सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व को याद किया और उन्होंने “इनोवेटिव और फेलो फार्मर” पहल को एक अनूठा और समयोचित कदम बताया जो जमीनी स्तर के नवाचारों को पहचानने और व्यापक रूप से अपनाने के लिए महत्वपूर्ण है.

डॉ. डी.के. यादव, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान को इस नवाचारी पहल के आयोजन के लिए बधाई दी.

इस अवसर पर किसानों के नवाचारों से संबंधित दो पुस्तकें जारी की गईं.

किसानों ने कृषि राज्य मंत्री को किए कृषि उत्पाद भेंट:

आयोजन में मौके पर शामिल हुए लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान अचल कुमार मिश्रा ने अपने जैविक उत्पाद गुड़ और काला नमक चावल के पैकेट कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी को भेंट किए. मोती की खेती करने वाले एक किसान ने मोती उपहार स्वरूप कृषि मंत्री को भेंट किए.

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