Agriculture News :   केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है. 29 मई, 2025 को ओडिशा से इस व्यापक अभियान का शुभारंभ होगा.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का सारे अधिकारी राज्यों के सहयोग से इस की तैयारियों में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में शिवराज सिंह चौहान ने पूसा कैंपस स्थित सुब्रहमण्यम हौल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया. इस अवसर पर कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डा. एमएल जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी 113 संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ ही देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों व केंद्रराज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और प्राध्यापकों ने बड़ी संख्या में सभागार में उपस्थित रह कर और वर्चुअल जुड़ कर इस संवाद कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया.

यहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सत्ता के सुख के लिए कृषि मंत्री नहीं बना हूं, बल्कि किसानों की सेवा के लिए, उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, देश में अन्न के भंडार भरने और भावी पीढ़ी के कृषि संबंधित हितों की रक्षा के लिए ही मेरा जीवन समर्पित है. उन्होंने कहा कि उर्वरक का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही शोध जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों, विभाग के अधिकारीयों और किसान को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है.

उन्होंने कहा कि खेती हृदय और लगाव का विषय है. खेती को जिया जाता है. मेरी हर सांस में खेती और रोमरोम में किसान बसे हैं. फसल के अच्छे व खराब होने पर भावनाएं जुड़ जाती हैं.

इसलिए सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है. शोध और अनुसंधान के लिए हमारी सरकार फंड की कमी नहीं होने देगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि यह अभियान परिणाम उन्मूलक कार्यक्रम है, जिस का परिणाम इसी खरीफ सीजन में उत्पादन वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी के रूप में जल्द ही हमारे सामने होगा. इस के साथ ही, उन्होंने देश के वैज्ञानिकों से अपनी शोध क्षमता को वैश्विक स्तर पर सिद्ध करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिस का लोहा पूरी दुनिया मानेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा. यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिस में वैज्ञानिकों की टीमें गांवगांव जा कर किसानों से सीधा संवाद करेगी.

इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों और आईसीएआर के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक विशेषज्ञ और राज्यों व अन्य कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा. साथ ही, इस में कृषि, बागबानी, पशुपालन, मछलीपालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी किसान भी शामिल रहेंगे. इस अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करना है.

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