निदेशालय प्रशिक्षण एवं सेवा योजन द्वारा पिछले दिनों रोजगार को बढ़ावा देने एवं क्षमता विकास हेतु एक द्विवर्षीय 'उच्च मूल्य मत्स्य उत्पादन के अवसर और मूल्य संवर्धन' विषय पर आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि महाविद्यालय के सभागार में किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन डा. विवेक धामा, कृषि अधिष्ठाता महाविद्यालय द्वारा किया गया.

डा. आरएस सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवा योजन द्वारा प्रशिक्षण के उद्देषीय और प्रशिक्षण का भविष्य में उपयोग पर जानकारी दी गई. प्रशिक्षण सेल का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण एवं रोजगार सृजनकर्ता है. साथ ही, क्षमता विकास पर विभिन्न कंपटीशन परीक्षा में अधिक से अधिक सफलता पा सके.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केके सिंह द्वारा उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं. उन के दिशानिर्देश में छात्रों के हुनर को और मजबूत करने के लिए आगामी माह में कई प्रशिक्षण एवं रोजगार से संबंधित कार्यक्रम किए जाएंगे.

डा. हरिंद्र प्रसाद, उपनिदेशक मत्स्य, मेरठ मंडल द्वारा सरकार द्वारा मत्स्य उत्पादन के लिए चलाई जा रही योजना की जानकारी पर चर्चा करते हुए विस्तार में मत्स्य पट्टा आवंटन और मछली उत्पादन फार्म की शुरुआत कैसे करें, क्याक्या सावधानियां करें, जलाशयों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की गई और फेज कल्चर (पिछड़ा) पद्धति पर चर्चा कर के बताया गया है कि इस पर 40 से 60 फीसदी तक का अनुदान है.

प्रशिक्षण में डा. आशीष पुरथी, मत्स्य वैज्ञानिक, भारतीय फसल प्रणाली अनुसंधान केंद्र, मेरठ द्वारा मछली उत्पादन के समय विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही, मछली के विभिन्न उत्पादनों की जानकारी दी गई.

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