हिसार : लुवास के डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में किसानों के लिए आयोजित तीनदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “उन्नत दूध और दूध उत्पाद प्रसंस्करण’’ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. यह कार्यक्रम केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को दूध प्रसंस्करण में उन्नत जानकारी और कौशल प्रदान करना था.

इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीकों, प्रक्रियाओं और उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई,  जो उन्हें अपनी डेयरी व्यावसायिकता को बढ़ाने और मानकों को पूरा करने में मदद करेगी.
डा. राजेश खुराना, निदेशक, मानव संसाधन प्रबंधन एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आधुनिक तकनीकों और विधियों के प्रयोग की महत्वपूर्णता पर जोर दिया.

उन्होंने इस प्रशिक्षण के महत्व को डेयरी क्षेत्र में उत्पादकता और उत्पाद गुणवत्ता में सुधार के लिए अद्वितीय योगदान के रूप में माना. उन्होंने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों की प्रतिबद्धता और सीखने के प्रति समर्पण की सराहना की और उद्यम और प्रगति के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ाने वाला कहा.

डा. सज्जन सिहाग, अधिष्ठाता, डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों, प्रशिक्षकों और अतिथियों को इस कार्यक्रम की सफलता में योगदान के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया. उन्होंने डेयरी उद्योग को आगे बढ़ाने में निरंतर अध्ययन और सहयोग की महत्वता पर जोर दिया और ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भूमिका को उजागर किया.

उन्होंने बताया कि डेरी उद्योग अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर उन क्षेत्रों में, जहां इस का उपयोग आधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विज्ञान के साथ किया जा रहा है. इस संदर्भ में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इन कार्यक्रमों के माध्यम से, उद्योग के नए और उन्नत प्रौद्योगिकी और विज्ञान को अधिक समझा जा सकता है, जिस से उत्पादन में नवाचार और बेहतर हो सके.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षकों को नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के नवीनतम विकास के साथ अवगत कराया गया, जिस से वे अपने शैक्षिक प्रोग्रामों को उत्कृष्ट बना सकें.

दूध उत्पाद प्रसंस्करण (Milk Products Processing)

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम समन्वयक डा. नवनीत सक्सेना एवं डा. शालिनी अरोड़ा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपलब्धियों का विवरण दिया. उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त ज्ञान और अनुभवों के महत्व को प्रकट किया और प्रतिभागियों को उन के अनुभव में सहयोग और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया.

उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर विचार किए, उत्पादकता और उत्पाद गुणवत्ता में सुधार के महत्व को समझाया और प्रतिभागियों को उन को कैसे बढ़ावा देना है, इस विषय पर सुझाव दिए.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए. यह प्रमाणपत्र उन के प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देने का एक प्रतीक था, जो उन के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया गया.

समापन समारोह ने कार्यक्रम के दौरान प्राप्त समृद्ध अनुभवों और अंतर्दृष्टियों पर विचार करने का मंच प्रदान किया. डा. गुरुराज और डा. रचना, कार्यक्रम समन्वयक ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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