इंदौर : केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन के 3 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे होने पर एक अनूठा कार्यक्रम 'मत्स्य संपदा जागृति अभियान' शुरू किया. सरकार के मत्स्यपालन विभाग द्वारा ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेरी राज्य मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान और डा. एल. मुरुगन भी उपस्थित थे. पूरे भारत में और 'अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंच' सुनिश्चित करने के लिए जागृति अभियान सितंबर, 2023 से फरवरी, 2024 तक यानी 6 महीने चलेगा. इस दौरान 108 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

मत्स्य संपदा जागृति अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार की 9 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी और ज्ञान का प्रसार करना, लाभार्थियों की सफलता की कहानियों को उजागर करना और 2.8 करोड़ मछली किसानों एवं 3477 तटीय गांवों तक पहुंचना है.

प्रमुख परियोजनाओं का केंद्रीय मंत्री ने किया शुभारंभ

देशभर में आगे बढ़ रही विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं का केंद्रीय मंत्री ने शुभारंभ किया. पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत 239 परियोजनाओं की यह सौगात 103.11 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ 15 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए थी. लाभार्थी विभिन्न कार्यों जैसे ट्राउट (एक प्रकार की मछली) कल्‍चर, मोती कल्चर, केज कल्चर, कोल्ड स्टोरेज, बायोफ्लौक्स और आरएएस आदि में लगे हुए हैं. लाभार्थियों ने परषोत्तम रूपाला और गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत की और प्रधानमंत्री, परषोत्तम रूपाला व मत्स्यपालन विभाग के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, क्‍योंकि इन परियोजनाओं से आय, रोजगार, महिला सशक्तीकरण और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है.

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