भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में क्षेत्रीय प्रतियोगिता (पूर्वी क्षेत्र) का शुभारंभ

बरेली : 24 अप्रैल, 2023 को  भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता (पूर्वी क्षेत्र) – 2023 का शुभारंभ हुआ. इस प्रतियोगिता में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी भारत क्षेत्र में स्थित राज्यों जैसे – अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के कृषि, पशु एवं मत्स्यपालन संस्थानों के तकरीबन 450 पुरुष एवं महिला खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. 24 अप्रैल से 27 अप्रैल के दौरान इस खेल प्रतियोगिता में एथलेटिक्स के 12 और अन्य 10 सहित 23 खेलों का प्रदर्शन हुआ. इस वर्ष से क्रिकेट को भी इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया.

इस खेल प्रतियोगिता का आगाज करते हुए डा. शिव प्रसाद किमोथी, पशु विज्ञान एवं मत्स्यपालन विज्ञान (सदस्य), कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली ने सभी खिलाड़ियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोविड काल में सभी देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई, लेकिन कृषि ने भारत की अर्थव्यवस्था को संभाल लिया.

उन्होंने कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र में हरित, श्वेत, नीली इत्यादि अनेक क्रांतियां हुईं, जिस के चलते यहां की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव हुआ.

खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन आजादी के अमृत काल में किया जा रहा है. देश के पूर्वी क्षेत्र के भाकृअनुप संस्थानों में किसानों की आय दोगुनी करने की क्षमता है.

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस खेल समागम में विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक तकनीकी एवं अन्य कर्मचारी आपस में विचारों के आदानप्रदान से एक नए विचारों से अवगत होंगे.

उन्होंने विभिन्न महापुरुषों और पूर्व वैज्ञानिक एवं राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि खेलों में हारना ही जीत की शुरुआत होती है, इस से तन और मन दोनों स्वस्थ होते हैं.

इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, डा. त्रिवेणी दत्त ने इस खेल प्रतियोगिता को आयोजित करने की जिम्मेदारी देने के लिए भाकृअनुप के महानिदेशक के प्रति आभार व्यक्त किया और खुशी जाहिर की कि इस प्रतियोगिता में पुरुष खिलाड़ियों के साथसाथ 44 महिला खिलाड़ी भी प्रतिभागिता कर रही हैं.

इस से पूर्व इस खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन सचिव एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. एकेएस तोमर ने अपने स्वागत संबोधन में अतिथियों एवं खिलाड़ियों के प्रति आभार व्यक्त किया और समस्त प्रतियोगिताओं की रूपरेखा प्रस्तुत की.

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक – शैक्षणिक, डा. एसके मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक – शोध, डा. एसके सिंह और संयुक्त निदेशक – प्रसार शिक्षा, डा. रूपसी तिवारी सहित काफी संख्या में स्टाफ, भूतपूर्व वैज्ञानिक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.

समारोह का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डा. संजीव मेहरोत्रा और डा. अंजू काला ने किया. डा. एके पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

पांच गुना पौधरोपण, किसानों को फायदा

बिलासपुर : पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के जरीए छत्तीसगढ़ के कोनेकोने में हरियाली बिछाने की योजना राज्य शासन ने बनाई है. इस योजना का खास मकसद पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त करना व युवाओं को रुझान भी पौधरोपण की तरफ हो.

अगर किसानों को खेत में खड़े पेड़ को काटना है, तो प्रशासन उस पेड़ को काटने की अनुमति तो देगा, लेकिन एक पेड़ के बदले उसे पांच पेड़ लगाने होंगे. यह अनुमति राज्य सरकार किसानों को देगी.

पेड़ लगाने के बाद उस की देखरेख की जिम्मेदारी किसान की होगी. पौध रोपने का काम वन विभाग करेगा मतलब किसान को आगे चल कर भी उस पेड़ पर फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं होगा. उस पेड़ की कटाई वन विभाग ही करेगा. उस पेड़ की खरीद भी विभाग ही करेगा. हां, लेकिन 95 फीसदी रकम किसान के बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी, बाकी बची 5 फीसदी राशि से वन विभाग पेड़ कटाई के बाद खाली जगह पर पौधरोपण करेगा.

देखा जाए तो ये किसानों के लिए हितकारी योजना है. जैसे, अगर किसान अपनी जमीन से किसी पेड़ को काटना चाहता है, तो उसे काटने की अनुमति तो मिल जाएगी, लेकिन उसे एक पेड़ काटने के बदले पांच पेड़ लगाने होंगे यानी उसे पांच गुना पेड़ लगाने का काम सरकारी महकमा ही करेगा. फिर पेड़ बड़ा होने पर काटा जाएगा तो उसका 95 फीसदी रकम का हिस्सा किसान को मिलेगा. किसान को बस उस पेड़ की देखरेख ही तो करनी है.

खेत पर मेंड़ या फिर खाली जगह में पेड़ लगाने पर मिलेगी सब्सिडी

इस योजना को आकर्षक बनाने के लिए इसे किसानों से जोड़ कर यह कदम उठाया गया है. वैसे भी कई किसान अपने खेत की मेंड़ पर पेड़ लगाते भी हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए अगर किसान अपने खेत की मेंड़ या फिर खाली जगह में पेड़ लगाना चाहते हैं, तो उन को सुविधा के साथ ही राशि भी देने की योजना सरकार ने बनाई है.

इस योजना के तहत पौधरोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए अनुदान देने की घोषणा भी राज्य सरकार ने की है.

पौधरोपण के लिए किसानों को उन की पसंद के मुताबिक, पौधे वन विभाग द्वारा ही दिए जाएंगे.

खेत की मेंड़ पर पेड़ लगाने से किसानों को भी फायदा है. ये खेत की मिट्टी के कटाव को भी बचाते हैं. अगर तकनीक से काम किया जाए, तो कुछ हद तक खेत में पानी व मिट्टी का सरंक्षण भी किया जा सकता है.

इस तरह की योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीक के बागबानी विभाग से मदद ले कर मनपसंद पेड़ का चुनाव कर सकते हैं.

मोबाइल एप पर खादबीज की जानकारी

अमेठी : जिले के किसानों को अब जल्द ही मोबाइल एप पर खेती से संबंधित जानकारी आसानी से मिलने लगेगी.

प्रधानमंत्री के नेशनल मास्टर प्लान के तहत किसानों को डिजिटल एग्रीकल्चर को ले कर प्रोत्साहित किया जाएगा. रिमोर्ट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से कृषि निवेश केंद्रों, प्रयोगशाला, कृषि प्रक्षेत्र, फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर की जियो टैगिंग कर अपलोड किया जाएगा.

यह सब काम समय से पूरा हो और उस का लाभ किसानों को मिल सके, इस के लिए अधिकारियों को नामित किया गया है. इस काम के लिए सभी कृषि सामग्री विक्रेताओं को अपनेअपने ब्लौक में संचालित बीज व उर्वरक दुकान का विवरण, लाइसेंस की कौपी, विक्रेता की फोटो मोबाइल एप पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है, जिस से एप के जरीए जरूरतमंद किसान उस का लाभ ले सके.

अपलोडिंग के दौरान दुकान में मौजूद खेती से संबंधित सभी सामान आदि का ब्योरा देना होगा. इस काम में दुकानदारों को दिक्कत हो, इस के लिए उन की मदद भी की जाएगी.

किसानों को खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी के साथसाथ कब, किस उर्वरक का उपयोग कब करना है, किसकिस रेट पर मिलेगा आदि की जानकारी एक ही प्लेटफार्म पर मिलेगी.

इस समय जिले में एक राजकीय फार्म हाउस, 13 राजकीय कृषि बीज भंडार, 13 कृषि रक्षा इकाई, 510 उर्वरक दुकान, 213 बीज दुकान, 212 कृषि रक्षा रसायन दुकान, 45 कस्टम हायरिंग सेंटर और 18 फार्म मशीनरी बैंक मौजूद हैं, जिन सब का डाटा मोबाइल एप पर अपलोड होगा. किसान उसे आसानी से अपने मोबाइल फोन पर घर बैठे देख सकेंगे. साथ ही, इस मोबाइल एप के जरीए घर बैठे जानकारी मिलेगी ही.

मुजफ्फरनगर में पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेला का आयोजन

6-7 अप्रैल 2023,

मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा भाकृअनुप-केन्द्रीय मवेशी अनुसंधान संस्थान, मेरठ के सहयोग से मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में को दो दिवसीय (6-7 अप्रैल) पशु प्रदर्शनी तथा कृषि मेला का आयोजन किया गया। मेले का उद्घाटन नितिन गडकरी, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार के द्वारा किया गया .

इस अवसर पर, श्री परशोत्तम रुपाला, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, भारत सरकार, श्री धर्मपाल सिंह, पशुपालन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार तथा डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, भारत सरकार भी उपस्थिति रहे।

विशिष्ट अतिथि श्री गिरिराज सिंह, माननीय केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, भारत सरकार थे। अपने संबोधन के दौरान श्री गिरिराज सिंह ने देश के ग्रामीण पशुपालकों की आजीविका में सुधार के लिए देशी पशुओं की भूमिका पर बल दिए। उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए पशुपालक को उन्नत तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।

डॉ. संजीव कुमार बालियान, केन्द्रीय राज्य मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान मेले को भव्य रूप से सफल बनाने में क्षेत्र के कृषक समुदाय द्वारा दिखाई गई रुचि की सराहना की।

मेले में 180 प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए जिसमें से 28 मशीनरी और उपकरणों से, 35 कृषि स्टार्टअप से, 17 कृषि मंत्रालय से, 40 पशुपालन और डेयरी विभाग से, 15 मत्स्य पालन क्षेत्र से और 45 भाकृअनुप, एसएयू, कॉमन सर्विस सेंटर और पशु चिकित्सा से था। इन एजेंसियों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को प्रदर्शित करने की व्यवस्था की गई थी।

मेले के दूसरे दिन, विभिन्न श्रेणियों में, जिनमे गौ वंश की स्वदेशी तथा संकर नस्लें, भैंसे, भेड़, बकरी, अश्व की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निर्णायक समिति में भाकृअनुप, राज्य पशुपालन विभाग, राज्य कृषि/ पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों जैसे विभिन्न संस्थानों के पशु विज्ञान/ पशु चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल थे। मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर भैंस, भेड़, बकरी और घोड़ों की विभिन्न श्रेणियों का शो और जजिंग का आयोजन भी किया गया। पशु शो की विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र, पदक वितरित किए गए। हरियाणा, सोनारिया से श्री अर्जुन सिंह के मुर्रा नर को मेले का चैंपियन पशु घोषित किया गया।

समापन समोराह में श्री विजयपाल सिंह तोमर, सांसद, राज्य सभा, श्री पंकज सिंह, विधानसभा सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।

इस मेल में स्कूल और कॉलेज के छात्रों सहित लगभग 20000 प्रतिभागियों ने हिस्सेदारी की। पशु प्रदर्शनी और कृषि मेला का समापन 7 अप्रैल की शाम को हो गया।

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय मवेशी अनुसंधान संस्थान, मेरठ)

मोटे अनाज और जैविक खेती अपनाएं किसान- साभा कुंवर कुशवाहा

कृषि एवं ग्रामीण विकास ट्रस्ट, मल्हनी, भाटपार रानी के तत्त्वावधान में 10 मार्च, 2023 को कृषि एवं ग्रामीण विकास पर एक गोष्ठी का आयोजन ट्रस्ट प्रक्षेत्र कार्यालय, लक्षमणपुर रोड, महुआवारी मेला (मल्हना) में किया गया.

इस गोष्ठी का उद्घाटन भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र के विधायक साभा कुंवर कुशवाहा द्वारा किया गया. अपने उद्धघाटन भाषण में उन्होंने मोटे अनाजों की खेती पर अपना अनुभव साझा किया और बताया कि ‘श्रीअन्न योजना’ सरकार द्वारा लागू की गई है, जिस में मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मड़ुवा, सावा, टागुन और चीना की खेती किसान करें, क्योंकि ये सभी अनाज सेहत के लिए फायदेमंद हैं.

इस मौके पर मुख्य अतिथि ने ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित वित्तीय कलैंडर 2023-24 और राइटिंग पैड का विमोचन भी किया.

इस ट्रस्ट के निदेशक प्रोफैसर रवि प्रकाश मौर्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि ट्रस्ट के एक साल पूरा होने के मौके पर पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है. यह ट्रस्ट फरवरी, 2022 में बनी थी, जिस का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए सकारात्मक पहल करना, शिक्षा, कृषि शिक्षा, शोध, प्रसार एवं सामुदायिक विकास के उत्थान के लिए कार्य करना, प्राकृतिक, जैविक एवं टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना, कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विशेष परामर्श सेवा प्रदान करना, आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण, कार्यशाला, संगोष्ठी, प्रक्षेत्र दिवस, किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन करना तथा कृषक उत्पादक संगठन को बढावा देना है.

इस ट्रस्ट में अपने उद्देश्यों को ध्यान में रख कर कृषि एवं ग्रामीण विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया है.

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या की अधिष्ठाता परास्नातक अध्ययन प्रोफैसर सुमन प्रसाद मौर्य ने महिलाओं के सशक्तीकरण पर प्रकाश डाला और बताया कि उत्तर प्रदेश कृषि सयुंक्त प्रवेश परीक्षा, का फार्म निकला है. उसे www.nduat.org या https://upcatetexam.net पर देखा जा सकता है. आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2023 है. इस की प्रवेश परीक्षा 30-31मई, 2023 को होगी. जो छात्र/छात्राएं कृषि, विज्ञान से इंटर की परीक्षा दे चुके हैं या इंटर पास हैं, वे कृषि, उद्यान, कृषि अभियंत्रण, पशुचिकित्सा, मत्स्यपालन आदि में प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते हैं. साथ ही सामुदायिक विज्ञान में किसान अपनी बच्चियों को पठनपाठन हेतु प्रेरित करें.

फार्मर्स फेस के प्रबंध निदेशक मोहन मुरारी सिंह ने जैविक, प्राकृतिक एवं टिकाऊ खेती पर प्रकाश डाला. कृषि विज्ञान केंद्र, मल्हना के प्रभारी अधिकारी डा. रजनीश श्रीवास्तव ने कृषक उत्पादक संगठन के गठन से लाभ की जानकारी दी. डा. विकास मौर्य ने फिजियोथैरेपी की जानकारी दी.

नूतन बीज भंडार, तरकुलहा के प्रबंधक राजबल्लभ कुशवाहा ने बीज उत्पादन पर जानकारी दी. इस कार्यक्रम में देवरिया जनपद के साथसाथ सीवान, गोपालगंज (बिहार) के 250 से अधिक किसानों, प्रसार कार्यकर्ताओं, अधिकारियों ने भाग लिया.

वरिष्ठ समाज सेवी, अध्यापक कृषकों को माला पहना कर और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया. सभी आए कृषकों, अधिकारियों को वर्ष 2023-24 कलैंडर बांटे गए. सभी ने फलफूल, सब्जियों की खेती और मशरूम उत्पादन प्रक्षेत्र का अवलोकन किया.

सेना अपने राशन में मोटा अनाज शामिल करेगी

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने 5 दशक बाद अपने राशन में एक बार फिर मिलेट्स यानी मोटे अनाज को शामिल किया है. अब जवानों को मोटे अनाज से बने भोजन और नाश्ते परोसे जाएंगे.

सेना ने जारी अपने बयान में कहा कि यह फैसला सैनिकों को स्थानीय और पारंपरिक अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया गया है. सेना ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के आलोक में श्री अन्न के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सेना ने मोटे अनाज के आटे की शुरुआत सैनिकों के लिए की है.

बयान के मुताबिक, पारंपरिक रूप से श्री अन्न से बने व्यंजन सेहत के लिए लाभदायक साबित हुए हैं. यह हमारी भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है. इस से जीवनशैली संबंधी बीमारियों के असर को कम करने और सैनिकों में संतुष्टि भाव लाने में मदद मिलेगी. अब से सभी पदों पर आसीन सेना के जवानों के दैनिक भोजन में श्री अन्न अभिन्न अंग होगा.

मालूम हो कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सेना को कुल राशन में से 25 फीसदी तक श्री अन्न खरीदने के लिए अधिकृत किया है. यह खरीद विकल्प और मांग पर आधारित होगी और इस के तहत बाजरा, ज्वार और रागी के आटे का विकल्प होगा.

ये हैं मोटे अनाज : मोटे अनाज यानी मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू आदि फसलें शामिल हैं. इन में अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में पोषक तत्त्व होने की वजह से इन्हें सुपर फूड भी कहा जाता है. भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान के अनुसार, रागी में कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती है.

पीएम फसल बीमा योजना में भुगतान किए 1,260 करोड़ रुपए

नई दिल्ली : 23 मार्च, 2023. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के डिजिटाइज्ड क्लेम सैटलमैंट मौड्यूल डिजीक्लेम का शुभारंभ किया.

इस नवाचार के साथ ही दावों का वितरण अब इलैक्ट्रौनिक रूप से किया जाएगा, जिस का सीधा लाभ प्रारंभ में 6 राज्यों (राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा) के संबंधित किसानों को होगा. दावा भुगतान की प्रक्रिया अब स्वचालित हो जाएगी, क्योंकि राज्यों द्वारा पोर्टल पर उपज डाटा जारी किया जाता है. नरेंद्र सिंह तोमर ने बटन दबा कर इन 6 राज्यों के बीमित किसानों को 1260.35 करोड़ रुपए के बीमा दावों का भुगतान किया.

अभी तक सामान्यतौर पर यह माना जाता था कि जो किसान ऋणी है, वही बीमित होता है, लेकिन प्रसन्नता की बात है कि इस संबंध में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है और गैरऋणी किसान भी फसल बीमा कराने की ओर अग्रसर हो रहे हैं.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां तो रहती ही हैं, लेकिन इन का समाधान बहुत ही शिद्दत के साथ सरकारें कर सकें, इस में टैक्नोलौजी विशेष सहायक है.

आम किसानों तक मौसम की सटीक जानकारी भी पहुंच सके, इस के लिए टैक्नोलौजी की मदद से कृषि मंत्रालय द्वारा प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों एवं किसानों सब का समन्वय बढ़ रहा है, जिस के परिणामस्वरूप अब अनेक राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए निरंतर अग्रसर हो रहे हैं.

राज्य स्तरीय कृषि विज्ञान मेले का आयोजन

 उदयपुर :  मार्च, 2023. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं कृषि विभाग व कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) उदयपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में राज्य स्तरीय भव्य कृषि विज्ञान मेला-2023 का आयोजन किया गया. इस मेले में आईसीएआर के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) डा. आरसी अग्रवाल मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, एमपीयूएटी ने की. कार्यक्रम में कृषि एवं उद्यानिकी (फसल, फल, पुष्प, सब्जी एवं संरक्षित उत्पाद) प्रदर्शनी प्रतियोगिता एवं वैज्ञानिकों द्वारा कृषि की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईसीएआर के उपमहानिदेशक डा. आरसी अग्रवाल ने अपने अभिभाषण में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का विकास किसानों एवं खेती की उन्नति से ही संभव है. उन्होंने देश की कृषि को आकर्षक बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किए जा रहे नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि आईसीएआर द्वारा कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस, रोबोटिक्स, ब्लौकचेन, मार्केटिंग, कृषि में ड्रोन के उपयोग इत्यादि को बढ़ावा दिया जा रहा है.

कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि वर्ष 2023 को भारत के प्रस्ताव पर अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और देश ही नहीं, बल्कि विश्वभर में पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं परियोजनाएं चलाई जा रही हैं.

इस संबंध में एमपीयूएटी को कृषि विश्वविद्यालय संगठन की ओर से कार्ययोजना तैयार करने का विशेष कार्यभार दिया गया है. भारत में विभिन्न प्रकार के पोषक अनाज उत्पादित होते हैं, परंतु विशेषकर राजस्थान में सदियों से पोषक अनाज, जिस में ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कांगनी, मड़वा इत्यादि उगाए एवं खाए जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इन से इन सभी फसलों के विशिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि पोषक अनाज को प्राकृतिक खेती से जोड़ कर जैविक उत्पाद प्राप्त किए जाएं तो लघु एवं सीमांत जोत वाले किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है.

कार्यक्रम के विशेष अतिथि निदेशक आत्मा, जयपुर डाक्टर सुवालाल जाट ने आत्मा परियोजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला. किसान मेले के कार्यक्रम में 10 प्रगतिशील किसानों को चैक द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई.

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एडीएम सिटी ओपी बुनकर, भूरालाल पाटीदार, अतिरिक्त निदेशक कृषि प्रसार, माधो सिंह चंपावत, संयुक्त निदेशक कृषि प्रसार, सुधीर वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा एवं कृषि विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, एमपीयूएटी के वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे.

इस कार्यक्रम में विवेक कटारा, जिला परिषद सीईओ मनीष मयंक, प्रबंध मंडल के सदस्य डा. एसआर मालू, डा. आरसी तिवारी एवं राज्य सरकार के कृषि पुरस्कार से सम्मानित विष्णु पारीक भी उपस्थित थे. किसान मेले एवं संगोष्ठी में एमपीयूएटी के सेवा क्षेत्र के सभी जिलों में स्थित केवीके से जुड़े एवं उदयपुर संभाग के 2,000 से अधिक किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.

मेले के प्रमुख आकर्षण : मेले में किसानवैज्ञानिक संवाद, प्रश्नोत्तरी (वैज्ञानिकों अधिकारियों द्वारा प्रत्युत्तर), विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां, विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों की तकनीकियों एवं कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उन्नत सिंचाई एवं जल प्रबंधन तकनीकों का प्रदर्शन, प्राकृतिक खेती की प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण रहे.

प्रतियोगिता का आयोजन : कृषि मेला प्रांगण में 19 मार्च, 2023 को फसल फल, पुष्प, सब्जी एवं संरक्षित उत्पाद प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और प्रथम एवं द्वितीय प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया गया. गेहूं, जौ, सरसों एवं चना, अरंडी (जड़सहित पौधे, 3 गुच्छे) और गन्ना, मक्का, फलों में पपीता, अमरूद, संतरा, चीकू इत्यादि, गेंदा, हजारा, गुलाब इत्यादि, पुष्प और सब्जियों में टमाटर, बैगन, मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, गाजर, मूली, खीरा, शिमला मिर्च, गांठगोभी, लौकी, पालक, धनिया और हलदी, अदरक, रतालू, अरबी, चुकंदर, सूरन, शकरकंद, शलजम, सेम फली, भिंडी की प्रविष्टियां आईं. पोषक अनाज में बाजरा, ज्वार, बटी, हामली, सांवा, कुरी, कांगणी, कोदो (कोदरा) इत्यादि अनाजों की प्रविष्टियां प्रदर्शित की गईं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एमओयू

नई दिल्ली : 19 मार्च, 2023, ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में शामिल विभिन्न देशों के कृषि मंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की द्विपक्षीय बैठकें हुईं. साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम) के अंतर्गत, श्री अन्न को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित वैश्विक सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए इन मंत्रियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष इसलिए मनाया जा रहा है, ताकि भारतीय श्री अन्न, उन के व्यंजनों व मूल्यवर्धित उत्पादों को एक जनांदोलन के रूप में वैश्विक स्तर पर स्वीकारा जा सके.

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गयाना के कृषि मंत्री जुल्फिकार मुस्तफा के साथ बैठक में वहां के राष्ट्रपति डा. मोहम्मद इरफान अली व उपराष्ट्रपति भरत जगदेव की भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि दोनों देशों के बीच सहयोग का एक बहुत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है.

उन्होंने भारतगयाना के संबंधों में सतत प्रगति पर खुशी व्यक्त करते हुए कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में ठोस सहयोग की आशा प्रकट की. उन्होंने गुयाना को कच्चे तेल की विशाल खोज के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस से गुयाना एक प्रमुख ऊर्जा निर्यातक के रूप में स्थापित हो सकेगा, जिस में वहां के लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता है.

उन्होंने भारत व गुयाना के बीच कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग में सहयोग की अपार संभावनाएं भी जताते हुए कहा कि दोनों देश एकदूसरे के पूरक हैं, क्योंकि गुयाना में व्यापक कृषि योग्य भूमि व पानी की उपलब्धता है और भारत के पास प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता एवं कुशल जनशक्ति है, जिस से दोनों देश लाभान्वित हो सकते हैं.

कृषि पर संयुक्त कार्य समूह की दूसरी बैठक के दौरान हुई चर्चा अनुसार 5 वर्षों (2023-27) के लिए संयुक्त कार्ययोजना का मसौदा जल्द तैयार होने की नरेंद्र सिंह तोमर ने आशा जताई व कहा कि हम सूरीनाम से भारत को लकड़ी निर्यात सुविधा प्रदान करेंगे.

2021-22 में भारत से सूरीनाम को 4.34 मिलियन अमेरिकी डौलर का कृषिसंबद्ध वस्तुओं का निर्यात हुआ.

जांबिया के कृषि मंत्री रूबेन फिरी मटोलो के साथ बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत व जांबिया के बीच लंबे समय से मधुर संबंध हैं. जांबिया समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निवेश के लिए महत्त्वपूर्ण गंतव्य बना है.

मौरीशस के कृषि उद्योग और खाद्य सुरक्षा मंत्री मनीष गोबिन के साथ बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत के ऐतिहासिक, जनसांख्यिकीय व सांस्कृतिक कारणों से मौरीशस के साथ घनिष्ठ, दीर्घकालिक संबंध हैं. भारतीय मूल के लोग द्वीप की 1.2 मिलियन की आबादी का तकरीबन 70 फीसदी शामिल हैं.

मौरीशस उन कुछ महत्त्वपूर्ण देशों में से एक है, जिस के साथ स्वतंत्र भारत ने 1948 में मौरीशस की स्वतंत्रता से भी पहले राजनयिक संबंध स्थापित किए.

नरेंद्र सिंह तोमर व श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा के बीच बैठक में कृषि के विषयों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि भारत व श्रीलंका में आबादी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा कृषि पर निर्भर है और इस क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए दोनों पक्षों की प्राथमिकताएं बहुत समान हैं. इस प्रकार, कृषि क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच सहयोग स्वाभाविक हो जाता है. भारत परंपरागत रूप से श्रीलंका के सब से बड़े व्यापार भागीदारों में से एक रहा है और श्रीलंका सार्क में भारत के सब से बड़े व्यापार भागीदारों में से एक है.

वैश्विक सम्मेलन के दौरान डब्ल्यूएफपी व भारत सरकार के बीच 2023-27 में सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में किए गए. इस दौरान यूएनडब्ल्यूएफपी के उपमुख्य कार्यकारी निदेशक, प्रबंधन व मुख्य वित्तीय अधिकारी मनोज जुनेजा और भारत में डब्ल्यूएफपी प्रतिनिधि और कंट्री डायरैक्टर एलिजाबेथ फौरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

आइसक्रीम और लाइव कुकिंग काउंटर

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के अंतर्गत आयोजित ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन के दौरान लगाई प्रदर्शनी में पहुंचे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने श्री अन्न से बनें स्वादिष्ठ आइसक्रीम का स्वाद लिया और इस के स्टाल संचालक को इस नवाचार के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं. साथ ही, उन्होंने इंडियन फैडरेशन औफ कलनरी एसोसिएशन के लाइव कुकिंग काउंटर पर भारतीय श्री अन्न के साथ एशियन सलाद बनाया और इसे स्वयं चखने के साथ ही केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, सचिव मनोज आहूजा, अन्यों को भी खिलाया. उन्होंने अन्य स्टाल का भी दौरा किया. प्रदर्शनी देखने के लिए स्कूलकालेजों के विद्यार्थियों का तांता लगा रहा. 2 दिन में हजारों बच्चे यहां आए.

मैसी फर्ग्यूसन का नया ट्रैक्टर लौंच

कर्नाटक : मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टरों के निर्माता टैफे ट्रैक्टर्स ऐंड फार्म इक्विपमैंट लिमिटेड ने कर्नाटक के बेलगाम में मैग्नाट्रैक सीरीज लौंच की. 50 एचपी रेंज में नया मैसी फर्ग्यूसन 8055 मैग्नाट्रैक, मैग्नाट्रैक सीरीज का पहला ट्रैक्टर है, जो विश्व स्तर की डिजाइन और स्टाइलिंग, उन्नत तकनीक के साथ और कम परिचालन लागत पर उपयोगिता, आदर्श रूप से भारी ढुलाई संचालन के लिए उपयुक्त है, विशेष रूप से गन्ने की फसल के लिए.

कर्नाटक में मैग्नाट्रैक सीरीज के लौंच पर मल्लिका श्रीनिवासन, सीएमडी टैफे ने कहा, ‘60 से अधिक वर्षों से टैफे और मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड ने कर्नाटक के किसानों के साथ एक गहरा और मजबूत बंधन साझा किया है. कर्नाटक प्रगतिशील किसानों का राज्य है, जो उत्पादकता बढ़ाने और अपने कृषि कार्यों से उन्नत मूल्य प्राप्त करने के लिए तेजी से नवीनतम तकनीकों को अपना रहे हैं.

‘शक्ति, शैली, आराम और प्रदर्शन की उन की प्रमुख आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए टैफे ने नई मैग्नाट्रैक शृंखला लौंच की. हम कर्नाटक में प्रीमियम भारी ढुलाई विशेषज्ञ ट्रैक्टर मैग्नाट्रैक को पेश कर के सम्मानित महसूस कर रहे हैं.’

200 एनएम के वर्ग उच्चतम टौर्क के साथ, ट्रैक्टर औफ रोड और औन रोड दोनों तरह की भारी ट्रौली को आसानी से खींच सकता है.

इस में वन टच फ्रंट बोनट ओपनिंग सिस्टम के साथ वायुगतिकीय सिंगल पीस बोनट शामिल है. विशाल प्लेटफार्म, स्टाइलिश लुक, आधुनिक स्टीयरिंग ह्वील और एक समायोज्य सीट औपरेटिंग आराम के स्वर्ण मानक को चिह्नित करते हैं. एमएफ 8055 रात में बेहतर दृश्यता और अधिक चमक के लिए ट्राई एलईडी के साथ शक्तिशाली प्रोजैक्टर हैडलैंप के साथ आता है.

इस ट्रैक्टर का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों जैसे रिवर्सिबल मोल्डबोर्ड हल, रोटावेटर पोस्ट होल डिगर थ्रेशर और बेलर के इस्तेमाल के लिए किया सकता है.