Maize : अखिल भारतीय मक्का अनुसंधान परियोजना के अतंर्गत मक्का की फसल में लगने वाले खरपतवार, कीट, रोग और सूत्रकृमि विषय पर गांव रुण्डेला, चंगेडी, इंटाली और मोरजाई के किसानों को इन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही खरपतवार और कीटनाशी भी बांटे गए. डा. हरीश कुमार सुमेरिया ने बताया कि मक्के की फसल को जिद्दी खरपतवारों का खतरा बहुत रहता है जो फसल की शुरुआती बढ़वार में आवश्यक पोषक तत्त्व पानी और धूप के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं जिस कारण फसल का उत्पादन बहुत कम हो जाता है.
डा. हरीश कुमार सुमेरिया ने आगे बताया कि मक्के की फसल में कौनकौन से खरपतवार होते हैं और उन की कैसे पहचान करें, छिड़काव का सही समय, खरपतवारनाशी का घोल कैसे तैयार करें, छिड़काव के समय कौनकौन सी सावधानियां बरतें. डा. राम नारायण कुमार ने मक्का में लगने वाले कीट, सूत्रकृमि और रोग की पहचान सही समय पर और सही कीटनाशक दवाई का इस्तेमाल करने के बारे में किसानों को जानकारी दी.
इस कार्यक्रम के परियोजना प्रभारी डा. अमित दाधीच ने बताया कि किसानों को अब परंपरागत मक्का की किस्म को छोड़ कर अधिक उपज देने वाली, कीट, रोग, सूत्रकृमि प्रतिरोधक और कम पानी में दोगुना उत्पादन देने वाली फसलों की बोआई को अपने खेत में शामिल करना होगा.