Dragon Fruit : ड्रैगन फ्रूट या कमलम की खेती प्रति एकड़ 5-12 टन तक हो सकती है और यह किसानों को 8 लाख से 24 लाख रुपए प्रति एकड़ तक का संभावित कमाई देती है, जिस की बाजार में कीमत 100 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक हो सकती है.
वियतनाम दुनिया में ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) का सब से बड़ा उत्पादक देश है और यह भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है, जिस के लिए कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सरकार सहायता भी प्रदान कर रही है.
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हौर्टिकल्चर महाविद्यालय द्वारा कुलपति डा. केके सिंह के दिशानिर्देशन में ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती सिरु की गई है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं, धान और गन्ना पर किसान ज्यादा ध्यान देते थे, लेकिन अब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में अहम कदम उठाया गया है. प्राध्यापक डाक्टर अरविंद राणा द्वारा ड्रैगन फूट का एक प्रदर्शन विश्वविद्यालय में लगाया गया है. इस को देख कर किसान तकनीकी ज्ञान हासिल कर के अपने यहां ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती प्रारंभ कर सकते हैं.
खेती और उत्पादन
उपज : एक ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) का पौधा 3-4 बार फल दे सकता है और एक पौधे से 50-120 फल लग सकते हैं, जिन का वजन 300-800 ग्राम तक होता है.
आय : प्रति एकड़ 8-12 टन तक उपज संभव है, जिस से एक एकड़ से 8 लाख से 24 रुपए लाख तक की कमाई हो सकती है.
अन्य लाभ : ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती में कीट और रोगों की समस्या कम होती है, जिस से लागत कम आती है और रासायनिक खाद की भी कम जरूरत पड़ती है.
सरकार का समर्थन : भारत में कमलम फल की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो प्रशिक्षण और प्लांटिंग सामान उपलब्ध करा रहे हैं.
उच्च मांग : ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण लोकप्रिय हो रहा है, जिस से किसानों को अच्छा बाजार मूल्य मिलता है.
भारत में खेती : भारत में कमलम की खेती तेजी से बढ़ रही है और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड जैसे कई राज्यों के किसान इसकी खेती कर रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र सबौर जैसे संस्थान भी किसानों को इस नई खेती की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं.