Bihar : भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (RKVY एवं किसान कल्याण) अरिंदम मोडक ने गया का दौरा किया. इस अवसर पर उन्होंने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा स्थापित SABAGRIs इनक्यूबेशन सैंटर से जुड़े विभिन्न कृषि स्टार्टअप्स का अवलोकन किया.
अपने निरीक्षण के दौरान अरिंदम मोडक ने स्टार्टअप्स द्वारा विकसित तकनीकी समाधान, नवाचार और किसानों के लिए तैयार किए गए व्यावहारिक मौडल्स को गहराई से समझा. उन्होंने कहा कि बिहार (Bihar) से उभर रहे ये स्टार्टअप्स न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे भारत की कृषि प्रणाली के लिए परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं.
गौटवे टैक्नोलौजीज की सराहना
अरिंदम मोडक ने विशेष रूप से गौटवे टैक्नोलौजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक अपूर्व सिंह द्वारा विकसित नवाचारों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह स्टार्टअप किसानों के लिए सस्ती, सुलभ और आधुनिक तकनीक उपलब्ध करा रहा है, जिस से कृषि उत्पादन लागत घटेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और किसान अधिक आत्मनिर्भर बनेंगे.
अरिंदम मोडक ने कहा, “कृषि क्षेत्र में इस प्रकार के नवाचार भारत की खाद्य सुरक्षा और किसानों की समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक हैं. मुझे प्रसन्नता है कि बिहार (Bihar) जैसे राज्य से इस स्तर के स्टार्टअप्स उभर रहे हैं, जो आने वाले समय में देश के कृषि क्षेत्र की दिशा और दशा बदल सकते हैं.”
अपने संबोधन में अरिंदम मोडक ने स्टार्टअप उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा, “बिहार से निकले ये नवाचार पूरे देश के किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं. मेरा आग्रह है कि ये स्टार्टअप्स अपनी गतिविधियों को बिहार (Bihar) तक सीमित न रखें, बल्कि पूरे भारत में विस्तार करें. इस से अन्य राज्यों के किसान भी इन तकनीकों और सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.”
उन्होंने आगे कहा कि SABAGRIs इनक्यूबेशन सैंटर किसानों की समस्याओं का प्रौद्योगिकी आधारित समाधान उपलब्ध कराने में सशक्त मंच बन चुका है और यह मौडल पूरे देश में अपनाए जाने योग्य है.
इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डा. डीआर सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा, “यह विश्वविद्यालय और बिहार (Bihar) दोनों के लिए गर्व की बात है कि हमारे छात्र और स्टार्टअप्स राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. यह उपलब्धि न केवल हमारे प्रयासों को मान्यता देती है, बल्कि राज्य के किसानों के लिए नई संभावनाओं और अवसरों के द्वार भी खोलती है.”
अनुसंधान निदेशक डा. अनिल कुमार सिंह ने SABAGRIs की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य अनुसंधान और नवाचार को सीधे किसानों तक पहुंचाना है. SABAGRIs इसी लक्ष्य को साकार करने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम है. अरिंदम मोडक का यह दौरा हमारे लिए प्रेरणादायी है और इस से हमें अपने प्रयासों को और अधिक ऊर्जा और दिशा मिलेगी.”
अरिंदम मोडक ने अपने दौरे के अंत में विश्वविद्यालय प्रशासन, वैज्ञानिकों और स्टार्टअप टीम को धन्यवाद दिया और कहा, “बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही यह पहल कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है. मुझे विश्वास है कि SABAGRIs से निकले स्टार्टअप्स न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे.”