Makhana Revolution : 10 सितंबर 2025. बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने मखाना को वैश्विक सुपरफूड ब्रांड बनाने हेतु एक नई कार्ययोजना जारी की है. यह कार्ययोजना मखाना विकास योजना (एमडीएस) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में जारी की गई, जिस की अध्यक्षता बीएयू सबौर के अनुसंधान निदेशक और एमडीएस के सीईओ डा. अनिल कुमार सिंह ने की, जहां वैज्ञानिकों और संस्थागत प्रतिनिधियों ने किसान आय बढ़ाने, बीज गुणवत्ता सुधारने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विस्तार की रणनीतियों पर विस्तृत विचारविमर्श किया.

बैठक में डा. शैलबाला डे (उप निदेशक अनुसंधान), प्रो. डा. दिलीप कुमार महतो (सह डीन सह प्राचार्य, बीपीएसएसी पूर्णिया और नोडल, एमडीएस), डा. अनिल कुमार (प्रधान अन्वेषक, एमडीएस), डा. तपन गोराई (सह-अन्वेषक), डा. अभिनव कुमार, डा. बालकृष्ण और डा. प्रीति सुंदरम सहित अन्य समिति सदस्य और हितधारक उपस्थित रहे.

नवाचार, किसान प्रशिक्षण और और्गेनिक पहल

बैठक में पायलट प्रोजैक्ट की समीक्षा, किस्म सुधार, कीट प्रबंधन और ‘नो योर क्रॉप’ (केवाईसी) पहल के तहत और्गेनिक मखाना के संवर्धन पर विशेष चर्चा हुई. समिति ने प्रत्येक पखवाड़े ‘मखाना चौपाल’ आयोजित करने पर बल दिया, जिस से किसानों को वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध हो सके. साथ ही प्रशिक्षण मौड्यूल, क्षेत्र विशिष्ट कृषि पैकेज और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से व्यापक प्रसार की योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया.

मखाना की महत्ता पर बल देते हुए डा. अनिल कुमार सिंह, अनुसंधान निदेशक और सीईओ, एमडीएस ने कहा, “मखाना केवल मिथिला की फसल नहीं, बल्कि भारत का गौरव है. जलवायु के अनुरूप लचीले सुपरफूड के रूप में इस में अपार पोषण और आर्थिक संभावनाएं हैं. यह किसानों की आय बढ़ाने के साथसाथ भारत के निर्यात टोकरे को भी सशक्त बनाएगा. बीएयू सबौर, एमडीएस के माध्यम से तकनीक को खेतखेत तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.”

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की दिशा में कदम

बीएयू सबौर और आईटीसी लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर विचार किया जा रहा है, जिस के तहत मखाना की खेती का विस्तार और किसानों को बेहतर बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में काम होगा. यह सहयोग तालाब से थाली तक पूरी वैल्यू चेन को मजबूत करेगा.

प्रगति की सराहना करते हुए बीएयू सबौर के कुलपति डा. डीआर सिंह ने कहा, “बीएयू सबौर मखाना अनुसंधान एवं विकास का राष्ट्रीय केंद्र बन कर उभरा है. मखाना विकास योजना के माध्यम से हम न केवल उत्पादन बढ़ा रहे हैं, बल्कि मिथिला मखाना की वैश्विक पहचान भी गढ़ रहे हैं. विज्ञान, नवाचार और किसान सहभागिता की यह संगति भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में नया अध्याय लिखेगी.”

निष्कर्ष

बैठक का समापन इस सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि बिहार को भारत की मखाना क्रांति (Makhana Revolution) का केंद्र बनाया जाएगा. बीएयू सबौर ने सतत कृषि नवाचार और किसान केंद्रित विकास में अपनी अग्रणी भूमिका को एक बार फिर पुष्ट किया.

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