ग्वालियर : कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने पशुपालन ,डेयरी व मत्स्य उत्पादन को आय की प्रमुख आर्थिक गतिविधि बनाने पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि दुग्ध संग्रहण व मत्स्य उत्पादन को दो गुना करें. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10 लाख लिटर दूध का प्रति दिन संग्रहण हो रहा है. इसे 20 लाख लिटर प्रति दिन किया जाए. उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु नस्ल में सुधार व दुग्ध संग्रहण के लिए प्रभावी कार्य योजना बना कर उस पर अमल करने के निर्देश दिए.

इसी तरह उन्होंने केज कल्चर जैसी विधियां अपना कर मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कहा. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मत्स्य व्यवसाइयों के लिए ‘मछुआ समृद्धि योजना’ के तहत स्मार्ट फिश पार्लर बनाने के काम को अधिक महत्त्व दिया जाए. अशोक वर्णवाल ने यह भी कहा कि सांची पार्लर में सांची दूध की बिक्री अवश्य हो, ऐसा न करने वाले पार्लर निरस्त किए जाएं.

दुग्ध संग्रहण बढ़ाने के लिए पशुपालकों को बनाएं कलेक्शन एजेंट

अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन उमाकांत उमराव ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि दुग्ध संग्रहण बढ़ाने के लिए पशुपालकों को कलेक्शन एजेंट बनाएं. इस के लिए उन्हें कमीशन भी दिया जाए. 5 साल तक हर साल 1,000 कलेक्शन एजेंट बनाएं. उन्होंने आगे कहा कि दूध की इकौनोमिक वैल्यू गेहूं व धान से ज्यादा है. दूध उत्पादन को बढ़ावा दे कर हम किसानों की आय में बड़ा इजाफा कर सकते हैं.

सचिव पशुपालन एवं डेयरी सत्येंद्र सिंह ने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना और  आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना सहित अन्य योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति कर गौ वंश का प्रबंधन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.

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