Capsicum : राज्‍य शासन की किसान सहायक नीतियों और योजनाओं का लाभ ले कर अब किसान पारं‍परिक खेती को छोड़ कर आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि कम लागत में अच्‍छा मुनाफा हो सके. अधिक मुनाफा के लिए किसान उद्यानिकी फसलों जैसे सब्‍जी, फूल और फल की उन्‍नत खेती कर रहे हैं. ऐसे ही कटनी जिले के विकास खंड बहोरीबंद के गांव खड़रा निवासी प्रगतिशील किसान शशांक पटेल हैं. जिन्‍होंने उद्यानिकी विभाग की राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना का लाभ ले कर करीब एक एकड़ जमीन में शेडनेट हाउस के अंदर उच्‍च कोटि की सब्‍जी शिमला मिर्च की खेती कर हर साल करीब 5 लाख रूपए की आमदनी कर रहे हैं. किसान शशांक पटेल पहले इसी जमीन पर गेहूं की खेती करते थे. जिस की लागत आदि काट कर उन्‍हें बमुश्किल सालाना मात्र 30 हजार रूपए की आमदनी हो पाती थी.

किसान शशांक पटेल ने शिमला मिर्च की खेती

किसान शशांक पटेल ने करीब एक एकड़ में शेडनेट हाउस का इस्तेमाल कर शिमला मिर्च की खेती कर अपने आसपास के क्षेत्र के दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. उद्यानिकी विभाग के परियोजना अधिकारी एसके त्रिपाठी ने बताया कि किसान शशांक पटेल को योजनांतर्गत शेडनेट हाउस के निर्माण के लिए 14 लाख 20 हजार रूपए का अनुदान प्रदान किया गया था. इस के बाद शिमला मिर्च की खेती कर शशांक पटेल ने एक एकड़ में औसतन 350 क्विंटल शिमला मिर्च पैदा करते हैं और मंडी के उतारचढ़ाव भरे बाजार भाव के अनुसार थोक व्‍यापारी 15 से 20 रूपए प्रति किलो की दर से शिमला मिर्च खरीद कर ले जाते हैं.

किसान शशांक पटेल ने बताया कि करीब एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती में करीब 6 लाख रूपए की लागत आती है और इसे बेचने के बाद लागत राशि काटकर एक एकड़ में मुझे 5 लाख रूपए साल का शुद्ध मुनाफा हो जाता है. परियोजना अधिकारी एसके त्रिपाठी ने बताया कि शशांक पटेल को शिमला मिर्च की उच्‍च कोटि की खेती के लिए पहले दिए गए 14 लाख 20 हजार रूपए की अनुदान राशि के अलावा 2 लाख 80 हजार रूपए का और भी अनुदान शासन की योजना के अनुसार दिया गया है.

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