Rooftop Farming : अगर आप के पास खाली छत है तो आप भी रूफटौप फार्मिंग (Rooftop Farming) आसानी से कर सकते हैं. इस की शुरुआत के लिए कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता पड़ती है. छत पर खेती के लिए यदि आप प्लांट अनुकूल ग्रो बैग चुनते हैं, तो इस से पौधों की ग्रोथ अच्छी होगी. इस के अलावा बड़े गमले, ड्रम की कटिंग आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.

इतना करने के बाद आप को सब्जी उगाने के लिए अच्छा पौटिंग मिक्स तैयार करना होगा. इस में सब से पहले इस बात का खयाल रखें कि सब्जी उगाने के लिए जो मिक्स बनाने जा रहे हैं वह ज्यादा वजनी न हो, क्योंकि ज्यादा वजन आप की छत को नुकसान पहुंचा सकता है. इस लिए छत पर की जाने वाली खेती में और्गैनिक खाद पदार्थ, जैसे कोकोपीट वर्मी यानी नारियल के छिलके का बुरादा, कंपोस्ट, पर्लाइट, गोबर की खाद और किचन वेस्ट कंपोस्ट का उपयोग कर सकते हैं.

इस मिक्स में सब से अधिक मात्रा कोकोपीट की रखी जाती है, क्योंकि यह हलकी होने के साथ ही ज्यादा दिनों तक नमी बनाए रखने में भी मददगार साबित होती है. कोकोपीट का इस्तेमाल करने से पहले उसे 24 घंटे के लिए पानी में भिगो कर निकाल लें. इस से कोकोपीट से नमक अलग हो जाता है. जब आप सब्जी उगाने के लिए मिक्स तैयार कर लें तो आप इस तैयार मिक्स को गमले या ग्रो बैग में भरें.

इन सावधानियों का रखें खयाल

जब आप गमलों या ग्रो बैग्स की भराई कर लें, तो यह सुनिश्चित कर लें कि इन्हें उसी जगह पर रखें जहां सूरज की रौशनी यानी धूप आसानी से पहुंच रही हो. गमलों या ग्रो बैग का चयन करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि ग्रो बैग या गमले के नीचे पानी की निकासी के लिए छेद हो, जिस से की पानी गमलों में एक जगह इकट्ठा न हो.

इस से बचने के लिए ड्रिप सिस्टम ज्यादा कारगर होता है. इस से पानी की बचत भी होती है और पौधे को जितना पानी की जरूरत होती है उतना ही उपयोग में आता है. छत के ऊपर वे सभी पौधे लगाए जा सकते हैं, जिन की ऊंचाई बहुत ज्यादा न हो. छत की गरमी पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में गमले के नीचे ईंट या गमलों के स्टैंड का उपयोग कर सकते हैं.

सब्जियों का चुनाव

आप छत पर ऐसी सभी सब्जियां उगा सकते हैं जिस की ऊंचाई ज्यादा न होती हो. इस में आप रबी, जायद और खरीफ सीजन के अनुसार सब्जियों का चुनाव कर सकते हैं. इन में चप्पन कद्दू, टमाटर, ब्रोकोली, रंगीन गोभी, रंगीन शिमला मिर्च, पालक, गाजर, मूली तमाम सब्जियां शामिल हैं.

इस के अलावा खरीफ सीजन की सब्जियों में भिंडी, लौकी, करेला, मिर्च, लोबिया, टमाटर, तोरई, बैगन, अरबी, ग्वार आदि की खेती की जा सकती है.

रबी सीजन में पौधों की रोपाई या बीज की बोआई का समय सितंबर से दिसंबर तक होता है. इस दौरान बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, सलाद, मटर, प्याज, लहसुन, आलू, टमाटर, शलजम, मूली, पालक आदि की खेती की जा सकती है.

जायद मौसम की सब्जियों की बोआई फरवरीमार्च में की जाती है. इस मौसम में भिंडी, खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, लौकी, टिंडा, तोरई, चौलाई आदि सब्जियों की खेती की जाती है.

गमलों में उगाए जाने वाले बीज व पौध अच्छी गुणवत्ता वाले और स्वस्थ होने चाहिए. बेल वाली सब्जियों को रस्सी या लकड़ी से सहारा दें. ग्वारपाठा और तुलसी जैसे गुणकारी पौधों को गमले में अवश्य लगाएं.

जो लोग रूफटौप फार्मिंग करना चाहते हैं वे नया घर बनाते समय घर की छत को मजबूत बनवाएं. वहीं जिस के घर पहले से बने हुए है वे पौधे लगाने के लिए कम वजन वाली वस्तु का इस्तेमाल करें.

कहां से खरीदें बीज या पौध

आप पहले कोशिश करें कि सब्जियों के बीज किसी विश्वसनीय दुकान से ही खरीदें. आप के जिले में कृषि विज्ञान केंद्र या उद्यान महकमा भी कई उन्नत किस्मों की सब्जियों के पौध तैयार कर के देता है, जिन्हें आप सीधे ग्रो बैग या गमलों में रोप सकते हैं. फिर भी कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं, जिन्हें नर्सरी में न तैयार कर सीधे बोआई करनी पड़ती है.

अगर वे पास में नहीं मिलती है तो ग्रो बैग और सब्जियों के बीज विश्वसनीय औनलाइन माध्यमों के जरीए भी मिल जाते हैं, वर्मी कंपोस्ट, कोकोपीट हर जगह मिल जाता है.

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