मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा के शिक्षक भानु प्रताप सिंह राजपूत ने दशहरी आम के पौधों की नर्सरी तैयार की है. भानु प्रताप सिंह बताते हैं कि उन्होंने 5 साल पहले अपने घर के आंगन में दशहरी आम का एक पौधा लगाया था, जिस में इस साल खूब फल लगे. इस साल लौकडाउन में जब घर से निकलना मुश्किल हो रहा था, तभी आम में लगे फलों की चटनी, अचार बना कर भोजन के स्वाद का आनंद पूरे परिवार ने लिया. जून महीने में आम के फलों को तोड़ कर नीम की पत्तियों से ढक कर रख दिया. तकरीबन एक हफ्ते में ये फल पक कर तैयार हुए, तो इन्हें चूस कर खाने के साथ ही इन का रस भी तैयार कर लिया.
बड़े पैमाने पर निकली आम की गुठलियों को देख कर भानु प्रताप सिंह के मन में यह खयाल आया कि आम की इन गुठलियों से आम की पौध तैयार की जाए. इसी पौध को बरसात होने पर पौधारोपण कर उन की देखभाल कर पेड़ तैयार हो सकेंगे.
कैसे तैयार करें नर्सरी
प्राइमरी स्कूल के शिक्षक भानु प्रताप बताते हैं कि सब से पहले आम की नर्सरी तैयार करने के लिए प्लास्टिक की पन्नी या घर में पड़ी सीमेंट की बोरी की थैलियों में गोबर की खाद मिला कर मिट्टी भर लेते हैं. फिर आम को चूसने या काटने के बाद जो गोही (गुठली) बच जाती है, उसे काट कर उस के अंदर का बीज निकाल लेते हैं.
गुठली को काटते समय इस बात का ध्यान रखें कि गुठली के अंदर निकले बीज में एक पतली झिल्ली होती है, उसे न हटाएं. आम के बीज को मिट्टी और गोबर की खाद भर कर तैयार की गई प्लास्टिक की पन्नी या बोरियों में थोड़ी गहराई तक लगा दें.