Mango : हमारे देश का एक खास फल आम (Mango) है. खास फल होने के बावजूद आम के व्यापार में लगे बागबान कई बार इस से खास आमदनी नहीं कर पाते हैं. इस का सब से बड़ा करण देश के बागबानों का बागबानी की उन्नत तकनीकों से दूर रहता और अनपढ़ होना है. शायद यही कारण है कि आज भी आम, अमरूद, शहतूत जैसे फलों की तोड़ाई लग्घी या हाथ के भरोसे ही की जाती है.
आम (Mango) की तोड़ाई लग्घी या हाथ से करने के कारण एक ओर जहां समय और मेहनत की जरूरत पड़ती है, तो वहीं फलों के फटने, चोटिल होने, धूल से सन जाने और चेंपा (आम का विशेष प्रकार का रस) के कारण आम (Mango) बेहद बदसूरत हो जाता है. इस से आमों की कीमत कम मिलती है और बागबानों या इस काम में लगे लोगों को भारी नुकसान होता है.
आम (Mango) की परंपरागत तोड़ाई में होने वाले नुकसान से नजात पाने और अधिक मुनाफा बढ़ाने के लिए लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागबानी संस्थान (सिस) के इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने आम (Mango) की तोड़ाई का एक खास यंत्र विकसित किया है. इस यंत्र की खासीयतें इस प्रकार हैं:
* यह पेड़ों पर 4 मीटर ऊंचाई तक पकड़ने, खींचने और डंठल से गुच्छों के कतर लेने के सिद्धांत पर काम करता है.
* यह खासतौर से डिजाइन किए गए 4 मीटर लंबे अल्यूमीनियम पाइप और नायलोन के नेट से बनाया जाता है.
* इस से आम की सतह पर किसी भी प्रकार के नुकसान होने जैसे फटने, चोटिल होने, धूलगर्दे से सन जाने और चेंपा (आम का विशेष प्रकार का रस) की गुंजाइश नहीं होती है. इस से फल बहुत ही खूबसूरत और अच्छी कीमत वाले साबित होते हैं.
* इस से 1 घंटे में लगभग 800 फल तोड़े जा सकते हैं, जिस से आम की तोड़ाई में लगने वाली मेहनत घट जाती है.
* इस यंत्र की खास बनावट के कारण आम की तोड़ाई के समय किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना नहीं होती है.
* इस यंत्र से कम से कम 2 दिन फलों का टिकाऊपन बढ़ जाता है व तोड़ाई के समय होने वाले नुकसान में 2 से 3 फीसदी तक की कमी हो जाती है.
* इस यंत्र की खरीदारी के लिए आप केंद्रीय उपोष्ण बागबानी संस्थान, लखनऊ के इंजीनियरिंग विभाग पर संपर्क कर सकते हैं. संस्थान का पता है : इंजीनियरिंग विभाग, केंद्रीय उपोष्ण बागबानी संस्थान, लखनऊ : 227107.