टमाटर की खेती लगभग सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है, परंतु उचित जल निकास वाली रेतीली दोमट या दोमट भूमि इस की खेती के लिए उपयुक्त होती है. इस की खेती 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली मिट्टी में अच्छी होती है. रोपण के लिए खेत की अच्छी तरह 3-4 जुताइयां कर के तैयार किया जाता है.

जलवायु

टमाटर की फसल के लिए आदर्श तापमान 20 से 25 डिगरी सैंटीग्रेड होता है. अंकुरण के लिए आदर्श तापमान लगभग 25 डिगरी सैंटीग्रेड होना चाहिए. टमाटर में लाल रंग लाइकोपीन नामक वर्णक के कारण होता है. इस का उत्पादन 25 डिगरी सैंटीग्रेड पर होता है और 30 डिगरी से  ऊपर इस का बनना बंद हो जाता है, जिस से टमाटर पीला दिखने लगता है.

पौधशाला में बीज की बोआई का समय

पौधशाला में टमाटर के बीज की बोआई स्थान और किस्म के अनुसार भिन्नभिन्न स्थानों पर अलगअलग समय में की जाती है. शरदकालीन फसल के लिए बीज की बोआई जुलाईसितंबर, बसंत ग्रीष्म ऋतु के लिए नवंबर से दिसंबर में बोआई करते हैं. इस प्रकार इस की खेती वर्षभर की जा सकती है.

बीज की मात्रा

एक हेक्टेयर खेत की रोपाई के लिए मुक्त परागित किस्मों की 350 से 400 ग्राम और संकर किस्मों की 200-250 ग्राम बीज की जरूरत होती है.

पौध करें यों तैयार

मैदानी भागों में टमाटर वर्ष में दो बार उगाया जाता है, इसलिए पौध 2 मौसमों वर्षा और शरद ऋतु में तैयार किए जाते हैं. पहाड़ी भागों में इसे मार्चअप्रैल में तैयार किया जाता है. एक हेक्टेयर पौधारोपण के लिए 100-120 वर्गमीटर क्षेत्रफल की जरूरत होती है.

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