Drumstick and Curry Leaves : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सभी घरों में औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए सहजन (मोरिंगा) और करी पत्ता के पौधे बांटे गए. वानिकी विभाग द्वारा आयोजित किए गए इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाले नागरिकों से इन दोनों पौधों को अपने घरों में लगाने पर जोर दिया.
कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने कहा कि सहजन और करी पत्ता (Drumstick and Curry Leaves) सेहत के लिए अनमोल उपहार हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी व पर्यावरण प्रदूषण से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, जिस के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो रही हैं. सेहत को बेहतर रखने के लिए औषधियों के प्रति परंपरागत ज्ञान को दोबारा अपनाना जरूरी हो गया है.
उन्होंने आगे बताया कि सहजन का हर हिस्सा महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों का खजाना होता है. इस की पत्तियां खनिजों जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन और तांबा से भरपूर होती हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद है. सहजन में विटामिन ए के रूप में बीटा कारोटीन, विटामिन बी जैसे फौलिक एसिड, पायरिडोक्सिन और निकोटिनिक एसिड, विटामिन सी, डी और ई भी पाए जाते हैं, जो काफी गुणकारी हैं. सहजन की फली फाइबर से भरपूर होती हैं और पाचन समस्याओं के इलाज में सहायक होती हैं.
अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने बताया कि करी पत्ता एक महत्त्वपूर्ण सुगंधित और बहु उपयोगी पौधा है, जिस का उपयोग भारतीय व्यंजनों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस में प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. पारंपरिक चिकित्सा में इस का उपयोग मधुमेह, पाचन विकार, कोलैस्ट्रौल नियंत्रण और संक्रमणों के उपचार में किया जाता है. अपने पोषण, औषधीय और आर्थिक महत्त्व के कारण यह पौधा सेहत और जीवनशैली दोनों के लिए अत्यंत उपयोगी माना जाता है.
वानिकी विभागाध्यक्ष डा. संदीप आर्य ने बताया कि सहजन और करी पत्ता (Drumstick and Curry Leaves) के पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार सहजन में संतरे से ज्यादा विटामिन सी, गाजर से ज्यादा विटामिन ए, दूध से ज्यादा कैल्शियम, दही से ज्यादा प्रोटीन, केले से ज्यादा पोटेशियम और पालक से ज्यादा आयरन पाया जाता है.