किसानी से जुड़े कामों में खतरा भी हर पल बना रहता है. कई बार खेत में काम करते समय भी जहरीले जीवजंतुओं के काटने की घटनाएं सामने आती हैं. खेतों में पाए जाने वाले सांप वैसे तो चूहों से फसलों की हिफाजत करते हैं, पर सांप को सामने देख कर डर के मारे सभी की घिग्घी बंध जाती है. अकसर खेत में उगी घनी फसल के बीच या खेत की मेंड़ पर उगी झाडि़यों में सांप छिपे रहते हैं.
खेत में काम करते समय अनजाने में किसान का पैर सांप के ऊपर पड़ जाता है और सांप अपने बचाव के लिए फन से उसे डस लेता है. सांप के काटने के इलाज की सही जानकारी न होने से किसान झाड़फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं. अगर काटने वाला सांप जहरीला निकला तो किसान को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है.
देश के ज्यादातर हिस्सों में सब से ज्यादा सांप के डसने की घटनाएं बारिश में नजर आती हैं, पर ठंड और गरमी में भी खेतों में लगी फसल में काम करते समय भी सांप के डसने से किसान प्रभावित हो जाते हैं.
वैटेरिनरी कालेज, जबलपुर के सांप विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे के मुताबिक, भारत में सांपों की तकरीबन 270 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन में से 10-15 प्रजाति के सांप ही ज्यादा जहरीले होते हैं.
भारत में करैत, कोबरा, रसेल वाइपर, सा स्केल्ड वाइपर, किंग कोबरा, पिट वाइपर वगैरह सब से जहरीले सांप हैं. देश में तकरीबन हर साल 50,000 लोग सांप के डसने से प्रभावित होते हैं. कई बार सांप जहरीला न भी हो तो भी किसान सांप के काटने के डर से घबरा जाते हैं और हार्ट अटैक से मर जाते हैं.