Agroforestry : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के वानिकी विभाग द्वारा पिछले दिनों संचालित तकनीकी कार्यक्रम में साल 2024-25 की समीक्षा और आने वाले साल 2025-26 की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया.
कुलपति प्रो. बीआर कंबोज के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने की. इस कार्यक्रम में मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. रमेश कुमार, वानिकी विभाग के अध्यक्ष डा. संदीप आर्य सहित विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष एवं वानिकी विभाग के वैज्ञानिक उपस्थित रहे.
अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने कहा कि कम जोत वाले छोटे किसान कृषि वानिकी को अपना कर न केवल अतिरिक्त आय कमा सकते हैं, अपितु पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग कर सकते हैं. उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि वे खेत की मेड़ पर, सड़क किनारे, पानी के खालों के साथ व खाली पड़ी जमीन पर पेड़ अवश्य लगाएं.
उन्होंने आगे पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिए विविध वानिकी प्रजातियों के साथ एक एकड़ का वानिकी सहित अन्य पौधों को लगाने का मौडल विकसित करने पर जोर दिया. जिस में मुख्य कार्य क्षेत्रों में बांस की विभिन्न प्रजातियां, शीशम मृत्यु दर को कम करना और पौपलर आधारित कृषि वानिकी प्रणालियों को बढ़ावा देना शामिल था.
अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने पौपलर आधारित कृषि वानिकी प्रणाली के तहत रैटूनिंग के लिए उपयुक्त गन्ना किस्मों की पहचान करने और पौपलर+गन्ना के लिए प्रबंधन पैकेज विकसित करने पर भी जोर दिया. इस के अलावा, उन्होंने पौपलर के अंतर्गत गेहूं में खरपतवार प्रबंधन के लिए अनुसंधान करने पर भी प्रकाश डाला.
डा. राजबीर गर्ग ने पौपलर में कीटनाशक छिडक़ाव के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और कैसुरीना आधारित ईंधन लकड़ी मौडल बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने खेजड़ी, सहजन और मिलिया दुबिया जैसी प्रजातियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पौध विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया.
इस के साथ ही उन्होंने सहजन पर अनुसंधान करने पर जोर दिया और कहा कि सहजन (मोरिंगा) के जर्मप्लाज्म की पहचान की जाए कि कौन सा जर्मप्लाज्म चारे के लिए अधिकतम उत्पादन प्रदान करेगा और कौन सा फली के लिए अधिक उपयोग किया जाएगा. साथ ही मत्स्य विभाग के साथ जैव जल निकासी पर सहयोग करने का सुझाव भी दिया.
इस बैठक के दौरान साल 2024-2025 में किए गए अनुसंधान कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर वानिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संदीप आर्य ने विभाग की साल 2024-2025 की रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर अनेक अवार्ड प्राप्त किए हैं और कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विभाग अह्म भूमिका निभा रहा है.