Herbal Revolution : भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय जैविक प्रमाणित हर्बल फार्म ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं अनुसंधान केंद्र’ में आयोजित एमडी बोटैनिकल्स का पहला इंडक्शन मीट सिर्फ एक प्रशिक्षण शिविर नहीं, बल्कि विपणन की पारंपरिक दृष्टि और आधुनिक सोच के मध्य एक सेतु था. इस ऐतिहासिक आयोजन ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में एक जमीनी बिक्री नेटवर्क की नींव रखते हुए नवगठित टीम को उत्पादों, मूल्यों और समूह के दीर्घकालिक विजन से परिचित कराया.

एमडी बोटैनिकल्स की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अपूर्वा त्रिपाठी, जिन्हें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की श्रेष्ठ युवा महिला उद्यमी के रूप में सम्मानित किया जा चुका है, ने उद्घाटन सत्र में कंपनी की आत्मा और उद्देश्य को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि एमडी बोटैनिकल्स केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि उन का “ब्रेनबेबी” है, जो जनजातीय क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण, जैविक औषधीय खेती और वैश्विक गुणवत्ता के समर्पण से जन्मा है.

इस प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को मां दंतेश्वरी समूह के संस्थापक एवं भारत के हर्बल क्रांति पुरुष डा. राजाराम त्रिपाठी की प्रेरणादायी यात्रा से भी परिचित कराया गया, जिन्होंने 1996 में इस समूह की स्थापना की थी. भारत में जैविक हर्बल क्रांति के अग्रदूत डा. राजाराम त्रिपाठी को “हर्बल किंग औफ इंडिया” के रूप में भी जाना जाता है. मां दंतेश्वरी हर्बल समूह को भारत सरकार के राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड द्वारा सर्वश्रेष्ठ निर्यातक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

इस फार्म भ्रमण का संचालन फार्म निदेशक अनुराग त्रिपाठी और वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ जसमती नेताम और कृष्णा नेताम के नेतृत्व में हुआ. इस दौरान विपणन अधिकारियों ने प्रत्यक्ष रूप से 340 से अधिक दुर्लभ व संकटग्रस्त वनौषधियों को उन के प्राकृतिक रहवास में संरक्षित और संवर्धित होते देखा.

यहां विशुद्ध पारंपरिक जैविक पद्धतियों और आधुनिकतम सस्टेनेबल टैक्नोलौजी के मेल से विश्व की सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की सफेद मूसली, गोल्डन मूसली, कालमेघ और इंसुलिन प्लांट जैसी वन औषधियां उगाई जाती हैं. विशेष रूप से यहां की काली मिर्च में 16 फीसदी तक पिपराइन की उपस्थिति पाई गई है, जिस की पुष्टि भारत सरकार के इंडियन इंस्टीट्यूट औफ स्पाइस रिसर्च ने भी की है, जो इसे वैश्विक बाजार में स्पेशल बनाती है.

Herbal Revolutionइस भ्रमण के दौरान अधिकारियों ने एक अभिनव जैविक पालीहाउस मौडल भी देखा, जिसे केवल 1.5 लाख रुपए की लागत से पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल रूप में तैयार किया गया है. यह संरचना पारंपरिक प्लास्टिक पालीहाउस  (40 लाख रुपए लागत) की तुलना में अधिक टिकाऊ है और नाइट्रोजन फिक्सेशन जैसी जैविक प्रक्रियाओं को भी बढ़ावा देती है. इस मौडल से 10 सालों में प्रति एकड़ 3 करोड़ रुपए तक का प्रतिफल मिलने की संभावना है.

इस शिविर का एक प्रमुख आकर्षण स्टीविया अनुसंधान परियोजना रही, जो एमडी बोटैनिकल्स और सीएसआईआर आईएचबीटी, पालमपुर के बीच एक ऐतिहासिक समझौते के तहत संचालित है. इस में अत्यधिक मीठी, कड़वाहट रहित और शून्य कैलोरी वाली स्टीविया की सर्वश्रेष्ठ प्रजातियों का विकास किया जा रहा है, जो भारत में पहली बार हो रहा है. इस दिशा में कंपनी एक प्राकृतिक चीनी उत्पादन संयंत्र की स्थापना की दिशा में भी काम कर रही है.

इस शिविर का कुशल समन्वय राष्ट्रीय विपणन प्रमुख केविन जेवियर ने किया. उन के साथ प्रवीण कुमार, प्रवेश मिश्रा (क्षेत्रीय विपणन प्रबंधक), संतोष उपाध्याय, ज्योति मजूमदार, संजय साहू, सुमंता रक्षित (बिजनेस डेवलपमैंट मैनेजर) व सुरेंद्र प्रधान और सत्य राजावत (एरिया सेल्स मैनेजर) जैसे अनुभवी अधिकारी उपस्थित रहे. इस के  अतिरिक्त स्वामीनाथन, मुख्य सलाहकार के रूप में विशेष रूप से उपस्थित थे, जिन्होंने नीति और दिशा पर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया.

वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ जसमती नेताम ने टीम को फार्म में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों से भी परिचित कराया, जो स्वयं अपूर्वा त्रिपाठी और जसमती नेताम के संयुक्त नेतृत्व में संचालित होते हैं. ये समूह जनजातीय महिलाओं के सामाजिकआर्थिक सशक्तीकरण का जीताजागता प्रमाण हैं.

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इस सभी 25 प्रतिभागियों ने एमडी बोटैनिकल्स के उत्पाद पोर्टफोलियो, जिस में हर्बल पाउडर, कैप्सूल, वैलनेस टी, और स्किन केयर उत्पाद शामिल हैं, पर केंद्रित गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रतिभागियों ने एकमत से कहा कि यह पहली बार है जब उन्होंने जाना कि हर्बल उत्पादों की गुणवत्ता पैकेजिंग या प्रचार में नहीं, बल्कि उस की उत्पत्ति की पवित्रता और उस को बनाने की में निहित होती है.

यह आयोजन प्रमाण है कि मां दंतेश्वरी हर्बल समूह यूं ही भारत में हर्बल उत्पादन का सिरमौर नहीं बना. यह उस की सालों की वैज्ञानिक शोध, पारंपरिक ज्ञान, तकनीकी नवाचार और सामाजिक समर्पण का परिणाम है, जो अब वैश्विक मंच पर भारत की जैविक शक्ति का प्रतिनिधित्व कर रहा है.

मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं अनुसंधान केंद्र
कोंडागांव, बस्तर, छत्तीसगढ़
मोबाइल: +91 9425 265 105
लैंडलाइन: +91 7786 242 506
ईमेल: press@mdherbal.in
वेबसाइट: www.mdherbal.in

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