बलिया जिला मुख्यालय से  2 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित मनियर नगर पंचायत है. इस पंचायत के किसान हैं हरेराम चौरसिया. उन की तालीम इंटरमीडिएट तक है. प्रोफैसर रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि हरेराम चौरसिया के अनुसार उन की पुश्तैनी जमीन महज 4 एकड़ है. उन के पास आधुनिक सिंचाई यंत्र जैसे सोलर पंप, स्प्रिंकलर सैट, टपक सिंचाई यंत्र आदि की सुविधा है. खरीफ में धान, भिंडी, करेला, लोबिया, नेनुआ की खेती की है और जायद में आधा एकड़ में खीरा की खेती की थी, जिस में पैदावार 80 क्विंटल हुई और बेचने पर 80,000 रुपए की आमदनी हासिल हुई. वर्तमान में एक एकड़ क्षेत्रफल में नाली में भिंडी, मेंड़ पर नेनुआ, मक्का व लोबिया लगाया है, जिसे आम भाषा में सहफसली खेती या अंत:फसली खेती कहते हैं.

इन्होंने कृषि विविधीकरण को अपनाया है. इस का सब से बड़ा फायदा यह होता है कि एक मुख्य फसल के साथसाथ अन्य फसलों का लाभ मिलता है और अधिक वर्षा या अन्य कारणों से कोई फसल क्षति हुई तो कोई न कोई फसल बच जाती है.

Farmerएक एकड़ क्षेत्रफल में सघन बागबानी के रूप में 5×5 मीटर की दूरी पर आम की अरुणिमा, अंबिका, मल्लिका, लंगड़ा, चौसा आदि के 21 पेड़, अमरूद की इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ -59, धवल, श्वेता, ललित, लालिमा व चाइना आदि के 150 पेड़ 3 साल पहले लगाए थे, जिस में इस साल से फलत प्रारंभ हैं. नीबू की प्रजाति कागजी बारहमासी के 140 पेड़ लगा रखे हैं, जिसे लगाए महज 6 माह हो रहे हैं.

आधुनिक कृषि तकनीकी की जानकारी के लिए कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों के साथसाथ कृषि विज्ञान केंद्र के संपर्क में वे रहते हैं. अच्छी प्रजाति की सब्जियों के बीज व फलदार पौधों के लिए अधिकारियों, वैज्ञानिकों व प्रगतिशील किसानों के संपर्क में भी वे रहते हैं.

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