गन्ने की फसल एक वहुवर्षीय फसल है, जिस में किसान हर साल एक हेक्टेयर रकबे में एक लाख से ले कर डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं. गन्ना एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है. विषम हालात में भी गन्ने की फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती. इन्हीं सब वजहों से गन्ने की खेती अपनेआप में सरक्षित व लाभ की खेती है.

गन्ने की फसल पूरे उत्तर भारत के किसानों के लिए लाभकारी नकदी फसल है, जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में कारगर साबित हुई है. यही वजह है कि 3-4 सालों से सोयाबीन की फसल से नुकसान उठा रहे किसान अब गन्ना फसल की ओर आकर्षित हुए हैं. कम लागत और सामान्य देखभाल के चलते गन्ने की 3 वर्षीय फसल ने किसानों की जिंदगी में मिठास घोलने का काम किया.

हालांकि आज भी देश के कई किसान गन्ने की परंपरागत खेती को ही अपनाए हुए हैं. गन्ना फसल के उचित दाम न मिलने के कारण किसान ज्यादा फायदा नहीं ले पा रहे हैं.

ऐसे में आज के दौर में गन्ने की खेती में नवाचार कर के ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने की ओर ध्यान देना जरूरी हो गया है. गन्ना फसल को मिल मालिकों को औनेपौने

दामों पर बेचने के बजाय उस के अलगअलग उत्पाद तैयार कर बाजार में भेजने से आमदनी बढ़ाई जा सकती है.

उन्नत तकनीक से करें बीज तैयार

गन्ने की फसल बोने के लिए खेत में खड़ी गन्ना फसल को बीज के रूप में इस्तेमाल करने के बजाय किसान नए तौरतरीकों का इस्तेमाल कर बीज तैयार कर अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

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