छिंदवाड़ा : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. आजीविका मिशन से जुड़ कर ग्रामीण महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर हो कर परिवार के भरणपोषण में सहयोग कर रही हैं, बल्कि समाज में उन्हें एक नई पहचान भी मिली है, जिस से घर, परिवार और समाज में उन का मानसम्मान बढ़ा है. छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड जुन्नारदेव की ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला के ग्राम जुन्नोर दमामी की पार्वती दीदी भी उन्हीं ग्रामीण महिलाओं में से एक हैं.

आजीविका मिशन के माध्यम से स्वसहायता समूह से जुड़ कर पार्वती दीदी जैविक खेती कर एक सफल सब्जी उत्पादक बन गई हैं. पिछले वर्ष पार्वती दीदी ने पेप्सिको कंपनी से आलू उत्पादन का अनुबंध किया था, जिस से 65,000 रुपए का खालिस मुनाफा प्राप्त हुआ था.

पार्वती दीदी जैविक खेती के लिए जैविक खाद का निर्माण स्वयं करती हैं और गांव के दूसरे लोगों को भी जैविक खेती के लिए प्रेरित करती हैं. अपने गांव को जैविक गांव बनाने का सपना देखने वाली पार्वती दीदी को एक सफल प्रशिक्षक और कृषि कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में एक नई पहचान भी मिली है.

निर्धन परिवार में जनमी पार्वती दीदी का विवाह छिंदवाड़ा जिले के ग्राम जुन्नोर दमामी निवासी विनोद पवार से हुआ. इस परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. पति हाथठेला में सब्जी बेच कर परिवार का जैसेतैसे भरणपोषण करते थे. इन के परिवार में पतिपत्नी के अलावा 2 बेटे और 1 बेटी है. जीवन में कई उतारचढ़ाव आए, कई मौके ऐसे भी आए, जब पार्वती और उन के परिवार को सूखी रोटी खा कर रात गुजारनी पड़ी, लेकिन पार्वती दीदी ने हिम्मत नहीं हारी.

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