रविशंकर उत्तर प्रदेश में लखनऊ के एक ऐसे प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने खेती के साथसाथ अनेक कृषि कार्य किए हैं और नईनई तकनीकों को भी आजमाया है. कृषि यंत्रीकरण के तहत फार्म मशीनरी बैंक बनाया, तो प्रोसैसिंग को भी अपनाया.
नवंबर, 2024 में उन्हें दिल्ली प्रैस द्वारा राज्य स्तरीय फार्म एन फूड कृषि अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
रविशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उन के पास उन की खुद की खेती की जमीन केवल 2 हेक्टेयर है. इस के अलावा वे अन्य किसानों की जमीन लीज पर ले कर खेती करते हैं.
रविशंकर सिंह खासकर धान, मक्का, अरहर, सावा, कोदों, मडुवा, ज्वार, बाजरा, काला नमक धान, गेहूं, गन्ना, मटर, सरसों, जौ, मसूर, आलू, टमाटर, लहसुन, धनिया, रामदाना, अदरक आदि की खेती करते हैं और जायद के मौसम में जायद-मूंग, उड़द, सूरजमुखी, मिर्च और केले की खेती करते हैं.
खेती से जुड़े कामों से ले रहे अधिक मुनाफा:
किसान रविशंकर सिंह खेती के अलावा खेती से जुड़े अनेक काम करते हैं, जिन से वे अच्छा मुनाफा ले रहे हैं और दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.
मछलीपालन और रेशम कीट उत्पादन से कमाई:
रविशंकर सिंह ने बताया कि उन के पास मछलीपालन के लिए 3 हेक्टेयर में तालाब है, जिस में वे बायो फ्लाक्स, फेगेसियस, रोहू कत्ला, ग्रास और सिल्वर किस्म की मछलियां का उत्पादन करते हैं. रेशम कीट पालन के लिए 1 हेक्टेयर में शहतूत के पेड़ और 1 एकड़ में नर्सरी भी है.
डेयरी फार्मिंग से जुड़े कारोबार :
रविशंकर सिंह ने पशुपालन में अच्छा काम किया है. उन के पास पशुपालन के तहत देशी साहिवाल गिर की 10 दुधारू गाय हैं, जिन के दूध की प्रोसैसिंग कर अनेक प्रोडक्ट भी बनाते हैं. इस के अलावा वे गोमूत्र से खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट जीवाअमृत बनाने का काम भी करते हैं.
फार्म मशीनरी बैंक से कमाई :
आधुनिकता के इस दौर में रविशंकर सिंह कृषि ने यंत्रों के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया है. उन्होंने कृषि यंत्रों को ले कर फार्म मशीनरी बैंक बनाया हुआ है, जिस में अनेक छोटेबड़े अनेक कृषि यंत्र हैं, जिन्हें वे किसानों को किराए पर मुहैया कराते हैं, जो कमाई का अतिरिक्त साधन भी है.
इस के अलावा उन के पास प्रोसैसिंग यूनिट के तहत आटा मिल और दाल मिल भी हैं. इन से वे लोगों को अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराते हैं.
मधुमक्खीपालन भी करते हैं साथसाथ :
रविशंकर सिंह खेती के साथसाथ मधुमक्खीपालन भी करते हैं, जिस के तहत उन के पास 150 मधुमक्खी बौक्स हैं, जिन से वे शुद्ध शहद का उत्पादन भी करते हैं.
खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल :
वे खेती में आधुनिक तकनीकों को भी अपनाते आए हैं, जैसे सिंचाई के साधनों में उन के पास खुद का ट्यूबवैल, 2 सोलर पंप और 2 इंजन पंप हैं, जिन का समय के अनुसार काम लिया जाता है.
मिल चुके हैं अनेक पुरस्कार :
रविशंकर सिंह को उन के कृषि कार्यों में मिली सफलता के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं.