कच्चे पपीते की चटनी
पपीता एक सदाबहार फल है, जो स्वादिष्ठ व पौष्टिकता से भरपूर होता है. आम के बाद सब से अधिक विटामिन ए पपीता में ही पाया जाता है.
पपीता में पकने की अवधि जैसजैसे बढ़ती है, वैसेवैसे इस में विटामिन सी की मात्रा बढ़ती जाती है. वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, कच्चे पपीते में विटामिन सी 40 से 90 मिलीग्राम, अधपके पपीते में विटामिन सी 50 से 90 मिलीग्राम और पके पपीते में 60 से 140 मिलीग्राम तक बढ़ जाती है. इस में शर्करा और विटामिन सी मई से अक्तूबर तक अधिक होता है.
पपीते में मौजूद पोषक तत्त्व
100 ग्राम पपीते में 18 किलोग्राम कैलोरी, 950 आईयू विटामिन ए, मैग्नीशियम 21 मिलीग्राम, प्रोटीन 0.5 फीसदी, चर्बी 0.1 फीसदी, कैल्शियम 0.01 फीसदी चरबी और फास्फोरस 0.01 फीसदी होता है.
इस में लौह तत्त्व 0.4 मिलीग्राम/100 ग्राम पाया जाता है. कच्चे पपीते में पपेन नामक एन्जाइम पाया जाता है, जो पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है. इस में मौजूद विटामिन ए आंखों के लिए अच्छा होता है, वहीं विटामिन सी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
पपीता एक सर्वसुलभ गुणकारी फल है, पर पेड़ से टूटने के बाद ज्यादा दिनों तक इसे ताजा नहीं रखा जा सकता. ताजा पपीता ही सेहत के लिए अच्छा होता है. इस समय मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आंधीपानी के चलते कच्चे पपीते टूट कर गिर जाते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे पपीते के उपयोग की जानकारी न होने की कमी में लोग पपीते को फेंक देते हैं. ऐसा न करें, क्योंकि कच्चा पपीता भी हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है, इसलिए इस का मूल्यसंवर्धन कर संरक्षित करें.