Environmental Protection : आज के युग में जब दुनिया भर में पेड़ों की कटाई, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे समय में हर एक व्यक्ति का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है. इसी कड़ी में शुभावरी चौहान ने अपने गांव में नीम के 200 पेड़ और कनेर अवल के कई पौधे लगा कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है.
नीम का पेड़ न केवल छाया देता है, बल्कि इस की औषधीय विशेषताएं भी अनगिनत हैं. यह हवा को शुद्ध करता है, मच्छरों को दूर करता है और अनेक रोगों के उपचार में सहायक होता है. वहीं कनेर अवल के पौधे अपने सुंदर फूलों और वातावरण को शीतल बनाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं. इन दोनों प्रजातियों के वृक्षारोपण से गांव का वातावरण न केवल सुंदर बनेगा, बल्कि स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक भी होगा.
शुभावरी चौहान का यह कार्य यह दर्शाता है कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की भी है और हर एक नागरिक इस में अहम भूमिका निभा सकता है. जब एक व्यक्ति अपने प्रयासों से सैकड़ों पेड़ लगा सकता है, तो यदि हर व्यक्ति इसी भावना से प्रेरित हो, तो पर्यावरण संरक्षण का लक्ष्य बहुत जल्द पूरा हो सकता है.
इस पहल से गांववासियों में भी हरियाली के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ियों को भी एक बेहतर पर्यावरण मिलेगा. ऐसे प्रयास न केवल आज के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी एक अमूल्य उपहार है.
धरती को हराभरा बनाना है, तो पेड़पौधे लगाना है. शुभावरी चौहान जैसे नागरिकों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और प्रकृति की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए.