उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के ब्लौक सल्टौआ गोपालपुर के शिवपुर गांव में गंवई और दलित औरतों ने गर्भवती, धात्री और 6 साल के आंगनबाड़ी के बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए दिए जाने वाले पुष्टाहार की फैक्टरी लगा कर न केवल अपनी माली हालत को बदल दिया है, बल्कि आज वे देश के कुपोषणमुक्त बनाने के संकल्प को भी साकार कर रही हैं.
भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बस्ती जिले की वंचित और गरीब तबके की महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिस में 10 से 15 महिलाएं जुड़ कर छोटीछोटी बचत कर रोजगारपरक गतिविधियों से जुड़ कर परिवार की माली हालत में सहयोग कर रही हैं.
तकरीबन 2 साल पहले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी इन महिलाओं को जानकारी मिली कि महिला और बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो पुष्टाहार महिलाओं और बच्चों को वितरित किया जाता है, वह बड़ीबड़ी कारपोरेट कंपनियों के जरीए सप्लाई किया जाता है.
इस जानकारी के बाद इन महिलाओं नें जिले के 3 विकास खंडों के तकरीबन 300 स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठक कर यह तय किया कि महिला और बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया जाए और आपसी अंशदान से खुद की पुष्टाहार फैक्टरी खोल कर विभाग को ही गुणवत्तायुक्त पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाए.
यह बात सभी महिलाओं को जम गई और सभी ने सामूहिक रूप से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लौक और जिला स्तर के अधिकारियों को अपनी मंशा बताई.