Technology : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के निदेशक अनुसंधान डा. अरविंद वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ सालों में विभिन्न प्रौद्योगिकी पर 54 पेटेंट प्राप्त किए हैं. इस के   साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर बकरी की तीन नस्लें सिरोही, गुजरी एवं करौली को भी रजिस्टर्ड कराया है.

उन्होंने आगे कहा कि इस साल अफीम की चेतक किस्म, मक्का की पीएचएम-6 किस्म के साथ असालिया (प्रताप असालिया-1), ईसबगोल (प्रताप ईसबगोल-1), अश्वगंधा (प्रताप अश्वगंधा-1) एवं मूंगफली (प्रताप मूंगफली-4) की किस्में विकसित की हैं. वर्तमान में वैज्ञानिकों द्वारा चरी मक्का की दो किस्मों (पीएमसी-14 एवं पीएमसी-16) को राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदन के लिए प्रतिवेदन भेजा गया है. डा. अरविंद वर्मा ने विश्वविद्यालय के द्वारा विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत विकसित तकनीकियों के बारे में भी चर्चा की.

इस बैठक में डा. एसएस शेखावत, अतिरिक्त निदेशक विस्तार, पंत कृषि भवन, जयपुर ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के समग्र विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान करने का अनुरोध किया.

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डा. एसएस शेखावत ने वैज्ञानिकों के प्रस्तुतीकरण को देखा और किसान उपयोगी महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने वैज्ञानिकों से एआई, लघु उपकरण मशीनीकरण, एफपीओ, जी.आई. टैग एवं तिलहनी फसलों को केंद्रित करते हुए अनुसंधान करने पर जोर दिया और विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न उत्कृष्ट अनुसंधान परियोजनाओं की प्रंसशा की.

इस बैठक में आईएस संचेती, अतिरिक्त निदेशक कृषि विभाग, भीलवाड़ा ने गत खरीफ में वर्षा का वितरण, बोई गई विभिन्न फसलों के क्षेत्र एवं उन की उत्पादकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होनें संभाग में विभिन्न फसलों में खरीफ 2024 के दौरान आई समस्याओं को प्रस्तुत किया और अनुरोध किया कि वैज्ञानिकगण इन के समाधान के लिए उपाय बताएं.

इस बैठक में क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डा. अमित त्रिवेदी ने विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी और कृषि संभाग की कृषि जलवायु परिस्थितियों और नई अनुसंधान तकनीकों के बारे में प्रकाश डाला. साथ ही, संभाग की विभिन्न फसलों में आ रही समस्याओं के निबटान के लिए प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया.

इस बैठक में डा. आरएल सोनी, निदेशक, विस्तार शिक्षा, डा. आरबी दुबे, अधिष्ठात, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, डा. एपी सिंह, सीनियर मैनेजर ईफको एवं एनएस राठौड, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग, उदयपुर ने किसानों के हित में अपने विचार प्रकट किए.

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इस के साथ ही, बैठक में डा. मनोज कुमार महला, निदेशक, छात्र कल्याण अधिकारी, विनोद कुमार जैन, संयुक्त निदेशक कृषि, भीलवाड़ा, महेश चेजारा, संयुक्त निदेशक उद्यान, भीलवाड़ा, दिनेश कुमार जागा, संयुक्त निदेशक कृषि, चित्तौड़गढ़, सतीश कुमार चैहान, संयुक्त निदेशक कृषि, राजसमंद, ओपी शर्मा, प्रभारी ग्राह्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, चित्तौड़गढ़, डा. शंकर सिंह राठौड़, पीडी, आत्मा, भीलवाड़ा, राजसमंद, डा. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकगण उपस्थित थे.

इस बैठक में विभिन्न वैज्ञानिकों व अधिकारियों द्वारा गत खरीफ में किए गए अनुसंधान एवं विस्तार कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया और किसानों को अपनाने हेतु सिफारिशें जारी की गई.

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