Agriculture : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक एवं कुलपति डा. श्रीनिवास राव ने अध्यक्षीय संबोधन दिया. उन्होंने विश्वविद्यालय के 15 सालों की यात्रा को बेहद प्रेरणादायक बताया.
डा. श्रीनिवास राव ने कहा, “हमने यहां की संरचनाओं, सुविधाओं, प्रयोगशालाओं और प्रक्षेत्रों का अवलोकन किया और यह देख कर गर्व होता है कि इतने कम समय में इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रभावशाली पहचान बनाई है. बिहार अब किसी भी राज्य से पीछे नहीं है. बिहार को कृषि उत्पादों के निर्यात के क्षेत्र में भी और बेहतर करना चाहिए.”
समारोह की प्रमुख झलकियां
स्वागत भाषण अधिष्ठाता कृषि डा. एके साह ने दिया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक अनुसंधान डा. एके सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया.
इस अवसर पर सिंदूर की खेती पर आधारित डौक्यूमैंट्री का विमोचन पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन द्वारा किया गया. उन्होंने कहा, “परिसर की हरियाली दिल को छू लेने वाली है. औपरेशन सिंदूर की गूंज अब विश्व स्तर तक पहुंच चुकी है और बीएयू द्वारा सिंदूर की खेती की चर्चा भी हर ओर है.”
“नन्ही उम्मीदें” कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, जिसे विश्वविद्यालय ने गोद लिया है, उस पर आधारित प्रेरक डौक्यूमैंट्री का विमोचन सांसद अजय मंडल द्वारा किया गया. इस के साथ ही, कतरनी चावल के एक किलोग्राम के वाटरप्रूफ जिपर बैग का भी विमोचन किया गया, जो स्थानीय कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है.
इस अवसर पर क्रौप फिजियोलौजी, कृषि अभियंत्रण, कृषि पत्रकारिता आदि विषयों पर आधारित प्रायोगिक और व्यावहारिक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया.
इस अवसर पर कृषि सखियों के लिए प्राकृतिक खेती पर मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया गया.
अध्यक्षीय उद्बोधन की मुख्य बातें
डा. श्रीनिवास राव ने कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय संस्थानों जैसे आईएआरआई के साथ जुड़ कर नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करने हेतु एग्री प्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई. साथ ही, कृषि शिक्षा को अधिक उद्योगोन्मुखी, डिजिटल समर्थित और समाधान आधारित बनाने की दिशा में कार्य करने की सलाह भी दी. उन्होंने बिहार को कृषि उत्पादों के निर्यात में अग्रणी बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय को नीति निर्धारण और अनुसंधान में अहम भूमिका निभाने पर भी जोर दिया.
इस अवसर पर सांसद अजय मंडल ने बीएयू को नीति आयोग द्वारा पूर्वोत्तर योजना की नोडल एजेंसी बनाए जाने को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा, “15 सालों में बीएयू की उपलब्धियां देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं.”
कुलपति डा. डीआर सिंह ने आईएआरआई और बीएयू के बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस से बिहार के किसानों, वैज्ञानिकों और छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा और राज्य में कृषि का एक नया युग शुरू होगा. इस समारोह में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों, छात्रों और बड़ी संख्या में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.