नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 3,70,128.7 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ किसानों के लिए नवीन योजनाओं के एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी है.

यह योजनाओं का समूह टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे कर किसानों के समग्र कल्याण और उन की आर्थिक बेहतरी पर केंद्रित है. यह पहल किसानों की आय को बढ़ाएगी, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को मजबूती देगी, मिट्टी की उत्पादकता को पुनर्जीवित करेगी और साथ ही खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी.

सीसीईए ने किसानों को करों और नीम कोटिंग शुल्कों को छोड़ कर 242 रुपए प्रति 45 किलोग्राम की बोरी की समान कीमत पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी है. पैकेज में 3 वर्षों के लिए (2022-23 से 2024-25) यूरिया सब्सिडी को ले कर 3,68,676.7 करोड़ रुपए आवंटित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है.

यह पैकेज हाल ही में अनुमोदित 2023-24 के खरीफ मौसम के लिए 38,000 करोड़ रुपए की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त है. किसानों को यूरिया की खरीद के लिए अतिरिक्त खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी और इस से उन की इनपुट लागत को कम करने में मदद मिलेगी.

वर्तमान में यूरिया की एमआरपी 242 रुपए प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी है (नीम कोटिंग शुल्क और लागू करों को छोड़ कर), जबकि बैग की वास्तविक कीमत तकरीबन 2,200 रुपए है.

यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वित्तपोषित है. यूरिया सब्सिडी योजना के जारी रहने से यूरिया का स्वदेशी उत्पादन भी अधिकतम होगा.

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