मध्य प्रदेश में अब पशुओं के इलाज के लिए औन काल एंबुलेंस सेवा शुरू हो गई है. मतलब, अब घर बैठे ही पशुपालक इस एंबुलेंस को अपने घर बुला सकेंगे. इस के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को 406 पशु एंबुलेंस का तोहफा दिया है. हर एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक और सहायक उपलब्ध होंगे. आपात स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए टोल फ्री नंबर 1962 जारी किया गया है. यह एंबुलेंस सेवा प्रदेश के हर हिस्से में मिलेगी.

बीमार पशु को अस्पताल तक ले जाना ही अपनेआप में एक बड़ी समस्या थी. लेकिन, अब इन एंबुलेंसके आने से पशु चिकित्सालय स्वयं पशुपालक के दरवाजे पर होगा. पशुपालक को केवल दिए गए टोल फ्री नंबर 1962 पर बात करनी होगी.

राज्य स्तरीय काल सेंटर से जुड़ी रहेंगी एंबुलेंस

पशु चिकित्सा एंबुलेंस केंद्र और राज्य शासन की संयुक्त योजना है. इस पर तकरीबन 77 करोड़ रुपए हर साल खर्च होंगे. इस में केंद्र और राज्य सरकार क्रमश: 60 और 40 फीसदी खर्च करेंगी. एंबुलेंस में पशु उपचार, शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग परीक्षण की सुविधा रहेगी.

जरूरत पड़ने पर काल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन कर के पशुपालक अपने घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकेंगे. एंबुलेस राज्य स्तरीय काल सेंटर से जुड़ी रहेंगी. एंबुलेंस की मौनिटरिंग जीपीएस के जरीए की जाएगी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में गोवंश की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है. गोहत्या करने वाले को 7 साल और अवैध परिवहन पर कारावास का प्रावधान है. गोवंश के अवैध परिवहन में लिप्त वाहनों को जब्त किया जाएगा.

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