भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों में नवनियुक्त विषयवस्तु विशेषज्ञों के ओरिऐंटेशन कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन डा. डीआर सिंह, कुलपति के द्वारा किया गया. इस अवसर पर डा. डीआर सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र मुख्य रूप से खेतीकिसानी में लगे लोगों के लिए जिला स्तर पर ज्ञानविज्ञान का प्रमुख स्थल है और यहां पर आने वाला हर किसान हम सब का विशिष्ट अतिथि है.

उन्होंने आगे ने कहा कि वर्तमान परिवेश में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समक्ष कठिन परिस्थितियां हैं, जिन में फसल उत्पादकता में ठहराव, भूमि की उर्वरता में लगातार गिरावट के साथ सिंचाई साधनों में कमी और मौसम में लगातार हो रहा परिर्वतन आदि विशेष कारक हैं. ऐसे समय में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों की पहुंच ज्यादा से ज्यादा किसानों एवं कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों तक बढ़ानी होगी.

इस के लिए राज्य सरकार सहित अन्य संस्थाओं के संगठन, सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों के उपयोग पर विशेष बल देना होगा और इस वर्ष प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र को कम से कम एक लाख लोगों से जुड़ना होगा.

डा. डीआर सिंह ने कहा कि प्रत्येक विषयवस्तु विशेषज्ञ को अपने जिले की भोगौलिक स्थिति सहित प्राकृतिक संसाधनों तथा कृषि की मूलभूत समस्याओं से अवगत होना बहुत आवश्यक है, तभी हम लोग किसानों की तकनीकी सहायता करने में सफल होंगे.

उन्होंने आगे कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों में पदस्थापित विशेषज्ञ किसी एक विषय के जानकार के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करें, फार्म साइंटिस्ट बन कर किसानों की सेवा करें. साथ ही खास सुरक्षा के साथसाथ समाज की पोषण सुरक्षा पर जानकारी दे कर लोगों को स्वस्थ बनाएं.

डा. आरके जाट, वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीसा, समस्तीपुर, ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि हमारे जीवन का आधार है जिस पर मौसम में हो रहे परिवर्तन का सीधा प्रभाव पड़ता है. वर्ष 2019 से बिहार सरकार ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम प्रारंभ कर के देशदुनिया के सामने कृषि विकास का एक अनूठा मौडल प्रस्तुत किया है, जिस का परिणाम है कि बिहार की कृषि उत्पादकता में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी तथा किसानों की आमदनी में 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.

कृषि विज्ञान केंद्रों में नवनियुक्त विषयवस्तु विशेषज्ञों के ओरिऐंटेशन कार्यशाला-सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा. आरके सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान, डा. अजय कुमार साह, अधिष्ठाता कृषि, डा. मिजानुल हक, कुलसचिव, डा. आरपी शर्मा, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, डा. एमके वाधवानी, निदेशक प्रशासन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया. धन्यवाद ज्ञापन डा. आरएन सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा के द्वारा दिया गया.

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