MSP: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों को बड़ी सौगात दी गई. खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया गया है, जिस से किसानों को अब उन की उपज के अधिक दाम मिलेंगे. साल 2025- 26 खरीफ फसलों के समर्थन बढ़ने से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा और उन की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा. पिछले कुछ सालों से किसान और अनेक किसान संगठन एमएसपी बढ़ाने को ले कर सरकार पर दबाव बना रहे थे. ऐसे में सरकार का यह कदम किसानों के लिए लाभकारी है.

सोयाबीन एवं धान सहित अन्य खरीफ फसलों की बोआई से पहले केंद्र सरकार ने किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दरअसल, 28 मई को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में इजाफा किया गया है.

इस के अलावा सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना को भी आगे बढ़ाया है.

अब किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज में लोन भी दिया जाएगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. नई एमएसपी से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) फसल की लागत से कम से कम 50 फीसदी ज्यादा हो, इस बात का खास ध्यान रखा गया है. सोयाबीन, धान एवं कपास सहित कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में कितनी बढ़ोतरी की गई है, इस की जानकारी यहां दी गई है.

खरीफ फसलों की नई एमएसपी

धान की नई एमएसपी 2,369 रुपए तय की गई है, जो पिछली एमएसपी से 69 रुपए ज्यादा है. कपास की नई एमएसपी 7,710 रुपए तय की गई है. इस की एक दूसरी किस्म की नई एमएसपी  8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है. सब से ज्यादा रामतिल की एमएसपी में 820 रूपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

एमएसपी          एमएसपी       एमएसपी  वृद्धि

फसल             2024-25(रुपए में)   2025-26(रुपए में)   (रुपए में)

धान (सामान्य)       2,300             2,369              69

धान (A ग्रेड)         2,320             2,389              69

ज्वार (हाइब्रिड)       3,371             3,699              328

ज्वार (मालदंडी)      3,421             3,749              328

बाजरा              2,625             2,775              150

रागी               4,290             4,886              596

मक्का              2,225             2,400              175

तुवर/अरहर          7,550              8,000              450

मूंग                8,682             8,768               86

उड़द               7,400              7,800              400

मूंगफली            6,783              7,263              480

सूरजमुखी           7,280             7,721              441

सोयाबीन            4,892             5,328              436

तिल                9,267             9,846              579

रामतिल             8,717             9,537              820

कपास (मिडिल स्टेपल) 7,121             7,710              589

कपास (लांग)               7,521             8,110              589

मिनिमम सर्पोट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है, जो सरकार द्वारा तय किया जाता है. जिस के तहत किसानों को उन की फसल पर नई एमएसपी पर उपज की कीमत मिलती है. भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो.

इस के पीछे सरकार का तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतारचढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े. उन्हें अपनी फसल की न्यूनतम कीमत मिलती रहे.

सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी (CACP) यानी ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग’ की सिफारिश पर  एमएसपी तय करती है. यदि किसी फसल की बंपर पैदावार हुई है तो उस की बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब एमएसपी उन के लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है. यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पौलिसी की तरह काम करती है.

किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाया

केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना (खरीफ फसल एमएसपी सूची) को जारी रखने का फैसला किया है. ब्याज सब्सिडी योजना को अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी गई है.

इस के लिए जरूरी फंड भी तय कर लिया गया है. ये योजना किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा किसानों को कम ब्याज पर लोन देने के लिए है. किसान, किसान क्रेडिट कार्ड  से 3 लाख रुपए तक का लोन 7 फीसदी ब्याज पर ले सकते हैं, जिस में बैंकों को 1.5 फीसदी ब्याज सब्सिडी मिलती है.

जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, उन्हें 3 फीसदी तक का प्रोत्साहन मिलता है, यानी उन का ब्याज सिर्फ 4 फीसदी रह जाता है. इस के अलावा कृषि के सहायक काम जैसे पशुपालन या मछलीपालन के लिए भी लोन पर 2 लाख रुपए तक की सीमा पर ये लाभ मिलता है.

कुल मिला कर देखा जाए तो खेती और उस से जुड़े काम करने वाले अनेक लोगों समेत सरकार ने सब का ध्यान रखा है .

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