Agricultural Techniques : भारत में कृषि और कृषि संबंधित गतिविधियां राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तकरीबन 18 फीसदी का योगदान देती हैं और इसलिए कृषि को विकसित किए बिना विकसित राष्ट्र का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता. इस उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 29 मई, 2025 से 12 जून, 2025 तक 15 दिनों के पहले खरीफ विकसित कृषि संकल्प अभियान की परिकल्पना की है.

यह बात मावली के पलाना कला ग्राम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरे भारत में चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित किसान गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कही. उन्होंने कहा कि देश में हर दिन 2,000 से अधिक कृषि वैज्ञानिकों की टीमें लगभग 6,000 गांवों का दौरा कर किसान समुदाय को लाभान्वित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि उदयपुर एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां 49 फीसदी से अधिक किसान आदिवासी हैं. जिले में 70 फीसदी से अधिक किसानों के पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है. बरसात के मौसम में अधिकांश पानी बह कर चला जाता है. इसलिए इस क्षेत्र के लोगों को जल संरक्षण की उन्नत तकनीक को अपनाने होगा.

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित खरीफ फसलों की नवीन किस्मों के बारे में बताते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमारा भारत खाद्यान्न सहित कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर जरूर है लेकिन बढ़ती आबादी के मद्देनजर हर क्षेत्र में उपलब्धियां अनवरत जारी रहनी चाहिए और धरतीपुत्र किसान को नवीनतम तकनीक के साथ प्रोत्साहन भी जरूरी है और कहा कि इस अभियान में विश्वविद्यालय बढ़चढ़ कर भागीदारी निभा रहा है.

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डा. अजित कुमार कर्नाटक ने कहा कि देश में सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद खाद्यान्न, दूध, फल व सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. साल 1990-91 के दशक में देश का कुल गेहूं उत्पादन 55.14 मिलियन टन के मुकाबले साल 2022-23 में 112.74 मिलियन टन पहुंच गया है, जो एक रिकौर्ड है. लेकिन हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक कुछ नया करने को बेताब है. किसानों के लिए यह प्री खरीफ अभियान मील का पत्थर साबित होगा.

उन्होंने आगे कहा कि आज पुरे देश में इस तरह के महाअभियान का बड़ा असर आने वाले समय में दिखेगा. इस सुअवसर पर राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ‘खरीफ फसल उत्पादन तकनीकी मार्गदर्शिका’ का विमोचन भी किया व विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई उन्नत कृषि तकनीकी प्रदर्शनी किया.

इस कार्यक्रम में सांसद सीपी जोशी, भूतपूर्व विधायक बद्रीलाल जाट, डा. जय प्रकाश मिश्र डायरेक्टर अटारी जोधपुर, अतिरिक्त निदेशक कृषि जयपुर डा. ईश्वर यादव, इफको से डा. सुधीर मान और प्रकृति सेल से किशन चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय से डा. आरएल सोनी, निदेशक प्रसार, डा. अरविंद वर्मा निदेशक अनुसंधान, संयुक्त निदेशक कृषि डा. सुधीर वर्मा, डा. लतिका व्यास, डा. रविकांत शर्मा, डा. अमित दाधिच, डा. हेमलता शर्मा, डा. डीपीएस डुडी, डा. प्रफुल चंद भटनागर व बहुत बडी संख्या में किसान लोग मौजूद थे.

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