हैदराबाद/नई दिल्ली : 15 जून, 2023. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की हैदराबाद में जी-20 की मीटिंग के दौरान वियतनाम, ओमान व कनाडा के मंत्रियों और खाद्य व कृषि संगठन यानी एफएओ एवं इंटरनेशनल फंड फार एग्रीकल्चर डेवलपमेंट यानी आईएफएडी से द्विपक्षीय बैठकें हुईं.

इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के हिस्से के रूप में देशदुनिया में श्रीअन्न को बढ़ावा देने का नेतृत्व भी कर रहा है.

उन्होंने जी-20 की अध्यक्षता के तहत "अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स व अन्य प्राचीन अनाज अनुसंधान पहल (महर्षि)" का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत किए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की गति तेज करेगी. महर्षि, श्रीअन्न व जलवायु-सह्य एवं पौष्टिक अनाज पर अनुसंधान में सहयोग प्रदान करेगा.

वियतनाम के कृषि मंत्री ले मिन्ह होन के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत के पास कृषि पर संयुक्त कार्य समूह के रूप में कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए सुस्थापित संस्थागत व्यवस्था है. दोनों देशों के बीच सुचारु संबंध चले आ रहे हैं और वर्ष 2016 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को 'व्यापक कार्यनीतिक साझेदारी' के रूप में आगे बढ़ाया गया था.

उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ "आजादी का अमृत महोत्सव" के साथ मेल खाता है.

ओमान के कृषि मंत्री डा. सऊद हामूद अल-हब्सी के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत व ओमान के बीच काफी पुराने व ऐतिहासिक संबंध हैं, जो समय के साथ सुदृढ़ हुए हैं. भारत सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. दोनों देशों में कृषि उत्पादकता व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पहल, अनुसंधान परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अवसरों का पता लगाना चाहिए और उन्नत सिंचाई तकनीकों, जल संरक्षण विधियों और नवीन तकनीकों सहित सटीक जल उपयोग के लिए सफल रणनीति तैयार करने में सहयोग करना चाहिए. ओमान व भारत दोनों को लाभान्वित करते हुए पशुधन, फलसब्जियों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसी कृषि वस्तुओं के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने सहित कृषि अवसंरचना में निवेश के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने की बात भी उन्होंने कही.

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