छिंदवाड़ा: यूके की लंदन स्थित कंपनी ओ-फारेस्ट ने महुआ के कई प्रोडक्ट बाजार में उतारे हैँ. इन में मुख्य रूप से महुआ चाय, महुआ पावडर, महुआ निब-भुना महुआ मुख्य रूप से पसंद किए जा रहे हैं. ओ-फारेस्ट ने मध्य प्रदेश से 200 टन महुआ खरीदने का समझौता किया है. इस से महुआ बीनने वाले जनजातीय परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा.

महुआ जनजातीय समाज के लिए यह अमृत फल है. महुआ लड्डू और महुआ से बनी देशी हेरिटेज मदिरा उन के पारंपरिक व्यंजन हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में सब से पहले महुआ और अन्य वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित किया था. इस से महुआ बीनने वाले जनजातीय परिवारों को बिचौलियों से नजात मिल गई है. उन्हें बाजार में भी अच्छे दाम मिलने लगे हैं. महुआ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जाने से महुआ बीनने वाले जनजातीय परिवारों को अच्छी कीमत मिलेगी. महुआ का समर्थन मूल्य 35 रुपए किलोग्राम है, जबकि यूरोप में महुआ की खपत होने से उन्हें 100 से 110 रुपए प्रति किलोग्राम का मूल्य मिलेगा.

महुआ-समृद्ध प्रदेश

प्रदेश में महुआ बहुतायत में होता है. एक मौसम में तकरीबन 7 लाख, 55 हजार क्विंटल तक मिल जाता है. पूरी तरह महुआ फूल से लदा एक पेड़ 100 किलोग्राम तक महुआ देता है. तकरीबन 3 लाख, 77 हजार परिवार महुआ बीन कर अपना घरपरिवार चलाते हैं. एक परिवार कम से कम 3 पेड़ों से महुआ बीनता है. साल में औसतन 2 क्विंटल तक महुआ बीन लेता है. कुल महुआ संग्रहण का 50 फीसदी उमरिया, अलीराजपुर, सीधी, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, शहडोल और बैतूल जिलों से होता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर महुआ संग्राहकों को कई सुविधाएं दी गई हैं.

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