नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र में नवाचारों का लाभ उठाने के लिए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है, जिस में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) आदि जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं. इस में डोमेन विशेषज्ञ और उद्योग के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.

यह समिति उन नवोन्मेषी समाधानों का मूल्यांकन करेगी, जो किसानों की भलाई पर सीधा प्रभाव डालते हैं. इस के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने समस्या विवरणों का एक सेट तैयार किया है, जिस के समाधान के लिए इच्छुक संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं.

इस ने उन संस्थाओं के लिए एक रास्ता खोल दिया है, जो कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं या काम करने के इच्छुक हैं. इस क्षेत्र की अंतर्निहित चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने अभिनव समाधान दे सकते हैं.

कृषि तकनीकी क्षेत्र में पिछले दशक में युवा प्रतिभाओं के कारण तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो इस क्षेत्र के लिए ईमानदारी और लगन से काम कर रहे हैं. ऐसी संस्थाओं के सामने विश्वसनीय डेटा और रणनीतिक मार्गदर्शन की कमी जैसी चुनौतियां आती हैं.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ऐसी सभी संस्थाओं को उन के समाधानों को संचालित करने और चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में आवश्यक सहायता दे कर के अवसर प्रदान करेगा. यदि समाधान नवीन हैं, तो इन्हें राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू किया जा सकता है.

मंत्रालय सरकार के साथ सहयोग करने और अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप आदि से समस्या निवारण पर रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) और प्रस्ताव आमंत्रित करेगा.

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