उदयपुर : 29 सितंबर, 2023 को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय पर श्री अन्न अनाज उत्पादन एवं पोषण सुरक्षा पर जागरूकता दिवस मनाया गया.

विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिया स्मार्ट गांव मदार एवं ब्राह्मणों की हुंदर से आई हुई किसान महिलाओं को संबोधित करते हुए कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने मुख आतिथ्य में बताया कि गेहूं में ग्लूटिन एवं चावल में फाइबर व शर्करा की मात्रा ज्यादा होने से कई तरह की बीमारियों को आमंत्रित करती है, वहीं दूसरी तरफ मोटे अनाजों में रेशे व शर्करा के उचित अनुपात होने से कई प्रकार की बीमारियों को रोका जा सकता है. साथ ही, उन्होंने बताया कि मोटे अनाज की फसलों को कम पानी में भी आसानी से उगाया जा सकता है. दुनियाभर में इस की उत्पादकों की मांग है.

इस अवसर पर डा. अरविंद वर्मा, निदेशक अनुसंधान ने श्री अन्न की उपयोगिता बताते हुए कहा कि इस से मोटापा, डायबिटीज व एनीमिया आदि गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है.

उन्होंने आगे यह भी बताया कि पोषण सुरक्षित है तो हर घर एवं खेती सुरक्षित रहेगी.

कार्यक्रम की शुरुआत में डा. पीसी चपलोत ने सभी आने वालों का स्वागत करते हुए बताया कि पहले हम तिलहनी एवं दलहनी फसलों के उत्पादन बढ़ाने में ध्यान दे रहे थे, लेकिन अब हमें मोटे अनाज की फसलों की खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

डा. आरएस.एल राठौड़, समन्वयक, स्मार्ट विलेज ने बताया कि आज ही के दिन 29 सितंबर को खाद्य की बरबादी को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस मनाया जाता है. साथ ही, उन्होंने ग्राम मदार एवं ब्राह्मणों की हुंदर में किए जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रदान की.

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