Mushroom Production Technology : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में मशरूम उत्पादन तकनीक पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ. प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, नई दिल्ली और चंडीगढ़ के 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया.

संस्थान के सहनिदेशक डा. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज के मार्गदर्शन में संस्थान द्वारा पूरे साल किसानों और युवाओं के लिए स्वरोजगार एवं कौशल विकास से जुड़े रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं. इन प्रशिक्षणों में मधुमक्खीपालन, केंचुआ खाद उत्पादन, फलसब्जी परिरक्षण, कृषि में ड्रोन की उपयोगिता, डेयरी फार्मिंग और सब्जियों की संरक्षित खेती शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान युवाओं और किसानों को बटन मशरूम के अलावा दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य और औषधि मशरूम की वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन प्रौद्योगिकी, प्रसंस्करण, स्पान उत्पादन तकनीक आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.

विस्तार शिक्षा निदेशक डा. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि मशरूम उत्पादन तकनीक अन्य फसलों के उत्पादन से बिल्कुल भिन्न है, जिस की वजह से इस का प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को बटन मशरूम के अलावा खाद्य और औषधीय मशरूम जैसे ओयस्टर/ढींगरी, किंग ओयस्टर, दूधिया, शिटाके, कीड़ा जड़ी, गैनोडर्मा मशरूम, देशी मशरूम के बारे जानकारी दी गई.

प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए. प्रशिक्षण का संयोजन डा. सतीश कुमार मेहता ने किया. प्रशिक्षण के दौरान डा राकेश कुमार चुघ, डा. जगदीप सिंह, डा. विकास कांबोज, डा. सरोज यादव, डा. अमिता गिरधर, डा. डीके शर्मा, डा. संदीप भाकर, डा. भूपेंद्र सिंह, डा. विकास हुड्डा ने भी मशरूम उत्पादन तकनीक से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी.

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